नई दिल्ली, 12 जुलाई 2025
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारतीय वायु सेना (IAF) ने स्वदेशी तकनीक से विकसित ‘अस्त्र’ मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। दृश्य सीमा से परे हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल (BVRAAM) ‘अस्त्र’ मिसाइल को ओडिशा तट से सुखोई-30 Mk-I लड़ाकू विमान से दागा गया। दोनों मिसाइलों को अलग-अलग दूरी, अलग-अलग कोणों और प्रक्षेपण प्लेटफ़ॉर्म स्थितियों पर उच्च गति वाले मानवरहित हवाई लक्ष्यों पर दागा गया। दोनों ही मामलों में, मिसाइलों ने अपने लक्ष्यों को अत्यधिक सटीकता से नष्ट कर दिया।
DRDO and @IAF_MCC conducted successful trials of Beyond Visual Range Air-to-Air missile (BVRAAM) ‘ASTRA’ with indigenous RF seeker against high-speed unmanned aerial targets at different ranges, target aspects and launch platform conditions from Su-30 Mk-I platform off the coast…
— DRDO (@DRDO_India) July 11, 2025
अस्त्र मिसाइल की विशेष विशेषताएं :
अस्त्र मिसाइल में पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से विकसित एक रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) सीकर लगा है। यह सीकर मिसाइल के लक्ष्य पर नज़र रखने के लिए बेहद ज़रूरी है। अस्त्र मिसाइल 100 किलोमीटर से ज़्यादा की दूरी तक के लक्ष्यों को निशाना बना सकती है। यह अत्याधुनिक मार्गदर्शन और नेविगेशन प्रणाली से संचालित होती है। यह सभी मौसमों में काम कर सकती है। अस्त्र मिसाइल 4.5 मैक की गति तक पहुँच सकती है।
यह भारतीय रक्षा प्रौद्योगिकी में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। अस्त्र मिसाइल की सफलता के साथ, स्वदेश में विकसित सीकर-सज्जित अस्त्र शस्त्र प्रणाली ने एक बार फिर अपनी सटीकता और विश्वसनीयता सिद्ध की है। यह स्वदेशी रक्षा उत्पादन प्रणालियों के विकास की दिशा में एक और कदम है, जिससे विदेशी घटकों पर निर्भरता कम होगी।
इस हथियार प्रणाली के सफल विकास में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) सहित 50 से अधिक सार्वजनिक और निजी उद्योगों के साथ-साथ डीआरडीओ की विभिन्न प्रयोगशालाएं भी शामिल थीं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता के लिए डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना और अन्य संगठनों को बधाई देते हुए कहा कि इस परीक्षण की सफलता से भारत की वायु युद्ध क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।