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डायरेक्ट टैक्स से सरकार को सबसे ज्यादा कमाई कराने वाला राज्य बना महाराष्ट्र, कर्नाटक ने दिल्ली को पीछे छोड़ा

मुंबई | 16 जुलाई 2025
वित्त वर्ष 2023-24 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के आंकड़ों में महाराष्ट्र ने एक बार फिर देश को सबसे ज्यादा कर राजस्व देकर शीर्ष स्थान बरकरार रखा है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र ने कुल डायरेक्ट टैक्स का 38.9 फीसदी योगदान दिया है। खास बात यह रही कि इस बार कर्नाटक ने दिल्ली को पीछे छोड़ते हुए दूसरा स्थान हासिल कर लिया।

रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक ने बीते वित्त वर्ष में कुल प्रत्यक्ष कर संग्रहण में 11.9 प्रतिशत का योगदान दिया, जबकि दिल्ली 10.4 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर खिसक गया। यह सात वर्षों में पहला मौका है जब दिल्ली की जगह किसी अन्य राज्य ने दूसरा स्थान हासिल किया है। 2017-18 से 2022-23 तक दिल्ली लगातार दूसरे नंबर पर बना हुआ था।

टॉप-5 राज्यों की सूची में महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली के बाद चौथे नंबर पर तमिलनाडु (6.5 प्रतिशत) और पांचवें स्थान पर गुजरात (4.8 प्रतिशत) रहा। ये पांच राज्य मिलकर भारत सरकार को मिलने वाले कुल डायरेक्ट टैक्स का 70 प्रतिशत से अधिक योगदान करते हैं।

डायरेक्ट टैक्स में इनकम टैक्स, कॉर्पोरेट टैक्स, कैपिटल गेन टैक्स और वेल्थ टैक्स शामिल होते हैं। ये टैक्स सीधे व्यक्ति या संस्थान से वसूले जाते हैं, जो कि सरकार की आय का अहम स्रोत होते हैं। इनसे मिलने वाली राशि सेना, रेलवे, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क निर्माण और जनकल्याण योजनाओं में खर्च होती है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि ITR दाखिल करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2021-22 में जहां 7.3 करोड़ ITR दाखिल हुए थे, वहीं 2023-24 में यह संख्या बढ़कर 8.6 करोड़ तक पहुंच गई। विशेषज्ञों का मानना है कि टैक्स आधार में यह वृद्धि भविष्य में और अधिक आर्थिक स्थिरता लाएगी।

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