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रूसी साध्वी की गोकर्ण गुफा में आठ साल तक जंगल जीवन, बेटियों को दिया सांपों के बीच जन्म

गोकर्ण | 16 जुलाई 2025
कर्नाटक के गोकर्ण के जंगलों में एक रहस्यमयी गुफा में रूसी महिला साध्वी के आठ साल तक रहने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने हाल ही में एक रूटीन गश्त के दौरान रामतीर्थ पहाड़ी की तलहटी में स्थित गुफा से 40 वर्षीय रूसी नागरिक नीना कुटीना उर्फ़ मोही और उसकी दो नन्ही बेटियों को बरामद किया। नीना साल 2016 में भारत आई थीं और वीजा समाप्त होने के बाद जंगल में रहना शुरू कर दिया था।

नीना की बेटियां – 6 वर्षीय प्रेया और 4 वर्षीय अमा – उसी गुफा में पैदा हुईं, जहां चारों ओर सांप, भूस्खलन और वन्यजीवों का खतरा बना रहता है। नीना का दावा है कि उन्होंने खुद ही बेटियों की देखरेख की, योग, ध्यान, चित्रकला और आध्यात्मिकता की शिक्षा दी और प्रकृति को ही अपना घर बना लिया। वे चंद्रमा की रोशनी में ध्यान करती थीं और उनका भोजन जंगल से प्राप्त फल, फूल और इंस्टेंट नूडल्स रहा।

गुफा से मिले सामान में रूसी धार्मिक पुस्तकें, रुद्र मूर्ति, हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें और ध्यान-साधना के चिह्न शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, यह क्षेत्र अत्यंत खतरनाक है और पहले भी भूस्खलन की घटनाएं हो चुकी हैं। 9 जुलाई को जब गुफा के बाहर प्लास्टिक कवर और साड़ियां दिखाई दीं तो पुलिस को शक हुआ। अंदर जाकर देखा तो नीना और उसकी बेटियां साधना में लीन मिलीं।

नीना 2018 में नेपाल जाने के बाद फिर भारत लौटीं और वीजा समाप्त होने के बावजूद जंगल में रहने लगीं। फिलहाल उन्हें कुमटा तालुका के एक आश्रम में रखा गया है, जहां एक स्वामीजी उनकी देखभाल कर रहे हैं। पासपोर्ट और वीजा की वैधता समाप्त हो चुकी है, लिहाजा अब रूस प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। स्थानीय NGO और रूसी दूतावास से संपर्क कर औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।

यह अनोखा मामला प्रशासन और नागरिकों दोनों के लिए चौंकाने वाला बन गया है, जहां एक विदेशी महिला ने ध्यान, साधना और मातृत्व को जंगल की नीरवता में साध लिया।

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