
दमिश्क/जेरूसलम, 17 जुलाई 2025
सीरिया और इजराइल के बीच छिड़ी ताज़ा जंग की शुरुआत एक मामूली चोरी और मारपीट की घटना से हुई, जिसने देखते ही देखते दो देशों को युद्ध के मुहाने पर ला खड़ा किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीरिया के सुवैदा शहर में एक सब्जी विक्रेता फदल्लाह दवारा के साथ कुछ बदमाशों ने मारपीट कर 400 सीरियाई पाउंड (करीब 45 हजार रुपए) लूट लिए। इस घटना के बाद इलाके में हिंसा भड़क उठी, और हालात इतने बिगड़ गए कि सीरियाई सेना को शहर में उतारना पड़ा।
घटना के बाद ड्रूज और बडौइन समुदाय आमने-सामने आ गए और दोनों पक्षों में झड़पें शुरू हो गईं। बढ़ती हिंसा को देखते हुए सीरिया सरकार ने सुवैदा में सेना तैनात की, लेकिन इजराइल ने इसे अपने लिए खतरा मानते हुए सीरियाई सैनिकों पर हमला बोल दिया। इजराइली सेना ने दावा किया कि सीरियाई फौज उनके बॉर्डर के पास इकट्ठा हो रही थी, इसलिए कार्रवाई जरूरी थी।
इसके बाद हालात और बिगड़े, जब इजराइल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क पर हमला किया। अब तक दोनों पक्षों की झड़पों में करीब 300 लोग मारे जा चुके हैं, और दर्जनों घायल हैं।
ड्रूज समुदाय को लेकर भी मामला संवेदनशील बन गया है। यह समुदाय दक्षिणी सीरिया में रहता है और इनकी संख्या करीब 7 लाख है। इनमें से कुछ इजराइल में भी रहते हैं। ड्रूज neither पूरी तरह मुस्लिम हैं न ईसाई — इनकी धार्मिक मान्यताएं शिया परंपरा से जुड़ी मानी जाती हैं। इजराइल, ड्रूजों की सुरक्षा के नाम पर सैन्य कार्रवाई को जायज ठहरा रहा है।
इस पूरी घटना ने यह दिखा दिया है कि स्थानीय विवाद कैसे अंतरराष्ट्रीय तनाव में बदल सकते हैं। फिलहाल युद्धविराम की कोई ठोस पहल नहीं दिख रही है, जिससे क्षेत्र में हालात और भी विस्फोटक हो सकते हैं।