
कश्मीर, 17 जुलाई 2025
22 अप्रैल, 2025 को देश के इतिहास का एक काला दिन था। प्राकृतिक सौंदर्य के गढ़ जम्मू-कश्मीर में एक ऐसा आतंकी हमला हुआ जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। पहलगाम में प्राकृतिक सौंदर्य का नजारा देखने आए पर्यटकों पर आतंकियों ने धर्म पूँछ कर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। आतंकियों की गोलियों से 26 पर्यटक मारे गए।
अब इसी मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) की जाँच में पता चला है कि आतंकवादियों ने इस क्रूर हमले के बाद जश्न मनाया और हवा में कई राउंड फायरिंग की। एक प्रत्यक्षदर्शी ने एनआईए को बताया कि हमले में तीन आतंकवादी शामिल थे और घटना के तुरंत बाद उन्होंने हवा में फायरिंग की। वह बैसरन घाटी से लौट रहा था जब आतंकवादियों ने उसे रोका और हवा में फायरिंग की। आरोप है कि हमले के समय बैसरन में दो स्थानीय लोग, परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद, आतंकवादियों के सामान की सुरक्षा कर रहे थे।
दोनों को पिछले महीने एनआईए ने गिरफ्तार किया था। यह भी पता चला कि तीनों आतंकवादी पाकिस्तान से थे और उनके लश्कर-ए-तैयबा से संबंध थे। परवेज़ ने पूछताछ में खुलासा किया कि हमले से एक दिन पहले आतंकवादी उसके घर आए थे। उसने एनआईए को बताया कि आतंकवादी लगभग चार घंटे तक उसके घर पर बैठे रहे और बैसारण में सुरक्षा व्यवस्था, पर्यटन स्थलों और रास्तों के बारे में सवाल पूछे। इस बीच, 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए और 16 गंभीर रूप से घायल हो गए।






