
अमेठी, 19 जुलाई 2025:
भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और बड़ा कदम बढ़ाने जा रहा है। यूपी के अमेठी स्थित इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) आगामी दिसंबर माह तक AK-203 असॉल्ट राइफल का पूरी तरह से स्वदेशी उत्पादन शुरू करेगा। इस राइफल को भारतीय सेना में ‘शेर’ नाम दिया गया है, जो ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का एक प्रतीक बनेगा।

IRRPL के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक मेजर जनरल एसके शर्मा के अनुसार 18 महीनों में भारतीय सेना को 48,000 AK-203 राइफलें सौंपी जा चुकी हैं। आगामी 6 महीनों में 70,000 और राइफलें सेना को उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके बाद कंपनी का लक्ष्य है कि सालाना 1.5 लाख राइफलें तैयार की जाएं, जिससे 2030 तक भारतीय सेना को कुल 6 लाख राइफलें दी जा सकें।
AK-203 राइफल विश्व प्रसिद्ध कलाश्निकोव राइफल का आधुनिक संस्करण है, जिसे विश्वसनीयता और कठिन परिस्थितियों में प्रदर्शन के लिए जाना जाता है। IRRPL प्लांट भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग का प्रतीक है, जिसे DRDO और रूस की रोसोबोरोन एक्सपोर्ट के सहयोग से संचालित किया जा रहा है।
मेजर जनरल शर्मा के मुताबिक दिसंबर तक AK-203 राइफल के सभी पुर्जे भारत में ही निर्मित किए जाएंगे, जिससे यह पूरी तरह स्वदेशी बन जाएगी। यह उपलब्धि भारत की रक्षा तैयारियों को मजबूती देने के साथ-साथ स्वदेशी सैन्य उत्पादन को भी एक नई दिशा देगी।






