
लखनऊ, 19 जुलाई 2025:
जबरन धर्मांतरण कराने के मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर गिरोह के कारनामों के बारे में यूपी पुलिस ने शनिवार को कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। इस गिरोह का नेटवर्क सिर्फ देश तक सीमित नहीं, बल्कि पाकिस्तान, कनाडा, लंदन, दुबई और स्विट्ज़रलैंड तक फैला हुआ है। यूपी के डीजीपी राजीव कृष्ण, एसटीएफ प्रमुख अमिताभ यश और आगरा के पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने शनिवार को लखनऊ में इस गंभीर मामले की जानकारी दी।
डीजीपी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोले… PFI से लिंक, ISIS जैसी रणनीति
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक छांगुर गिरोह के पीएफआई, एसडीपीआई और पाकिस्तानी एजेंसियों से संबंध होने के ठोस संकेत मिले हैं। डीजीपी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय ‘जिहादी’ फंडिंग के माध्यम से यह गिरोह राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने की साजिश में जुटा था। लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण की यह रणनीति आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों की तर्ज पर बनाई गई थी।
कनाडा, दुबई, लंदन से करोड़ों की फंडिंग
एजेंसियों को छांगुर के खिलाफ कनाडा, लंदन और दुबई से भारी फंडिंग के पुख्ता सबूत मिले हैं। इसके जरिए देशभर में धर्मांतरण की मुहिम चलाई जा रही थी। डीजीपी ने कहा कि इस गिरोह को इंटरनेशनल सोर्स से फंडिंग मिल रही थी और ‘मिशन अस्मिता’ के तहत पुलिस ने इसे ट्रैक किया है।
स्विट्जरलैंड में शेल कंपनियों से पैसे की हेराफेरी
ईडी की जांच में छांगुर का स्विट्जरलैंड कनेक्शन सामने आया है। वहां नीतू उर्फ नसरीन के नाम पर बैंक अकाउंट के जरिए करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए गए। इन पैसों को शारजाह, यूएई और भारत से इकट्ठा किया गया था। इसके अलावा छांगुर और उसके सहयोगियों के नाम पर कई शेल कंपनियों के अकाउंट भी बनाए गए।
आगरा से खुला बड़ा राज : दो बहनों के लापता होने से उठा परदा
धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़ आगरा से शुरू हुआ, जब 24 मार्च को दो सगी बहनें अचानक लापता हो गईं। उनके पिता की शिकायत पर पुलिस ने पहले इसे सामान्य गुमशुदगी समझा, लेकिन जब 41 दिन बाद अपहरण का केस दर्ज हुआ, तब जांच में सामने आया कि दोनों बहनों को मुस्लिम धर्म में परिवर्तित कर गिरोह में शामिल किया गया था।
बड़ी बेटी की दोस्त साइमा उर्फ खुशबू, जो जम्मू-कश्मीर की रहने वाली है, ने उसका ‘ब्रेनवॉश’ किया और बाद में छोटी बहन को भी प्रभावित किया। यह रणनीति फिल्म जैसी प्रतीत होती है, जिसमें युवतियां ही अन्य युवतियों को फंसाती हैं।
देशभर से 10 गिरफ्तार, 6 राज्यों में फैला था नेटवर्क
पुलिस और एटीएस ने इस मामले में अब तक 6 राज्यों से 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें कोलकाता, गोवा, आगरा, मुजफ्फरनगर, देहरादून और जयपुर से आरोपी पकड़े गए हैं। मुख्य आरोपियों में शेखर रॉय उर्फ हसन अली, आयशा उर्फ एसबी कृष्णा, रहमान कुरैशी, अब्बू तालिब, अबुर रहमान, मोहम्मद अली और जुनैद कुरैशी शामिल हैं।
कई और खुलासे होने की संभावना
एटीएस, एसटीएफ और ईडी की संयुक्त जांच अभी जारी है। अधिकारियों का कहना है कि गिरोह के अंतरराष्ट्रीय संबंध और फंडिंग चैनल की परतें अभी और खुल सकती हैं। इस मामले में पनामा से फिलहाल कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है।
“मिशन अस्मिता” के तहत कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर चलाए जा रहे ‘मिशन अस्मिता’ अभियान के तहत यह कार्रवाई हुई है, जिसमें न केवल बेटियों को सुरक्षित करने का लक्ष्य है, बल्कि राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर भी करारा प्रहार किया गया है।