
नई दिल्ली, 21 जुलाई 2025
अगर आप रिटायरमेंट के बाद EPFO की पेंशन का लाभ लेना चाहते हैं, तो एक आम लेकिन गंभीर गलती से बचना बेहद जरूरी है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने साफ कर दिया है कि अगर किसी कर्मचारी ने नौकरी छोड़ते समय पूरी पीएफ राशि निकाल ली, जिसमें EPS (कर्मचारी पेंशन स्कीम) का हिस्सा भी शामिल है, तो उसे पेंशन का हक नहीं मिलेगा।
हर महीने कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12% पीएफ खाते में जाता है। कंपनी भी इतना ही योगदान देती है, जिसमें से 8.33% हिस्सा EPS में जमा होता है। यही EPS हिस्सा रिटायरमेंट के बाद पेंशन का आधार बनता है। लेकिन कई लोग नौकरी बदलते वक्त या अचानक जरूरत पड़ने पर पूरा पीएफ निकाल लेते हैं, जिसमें EPS की राशि भी शामिल होती है। इसी एक फैसले से पेंशन का सपना अधूरा रह जाता है।
EPFO के नियमों के मुताबिक, यदि आपने लगातार 10 वर्षों तक PF में योगदान किया है और EPS की रकम को नहीं छुआ है, तो 50 वर्ष की उम्र के बाद आप पेंशन के लिए पात्र बनते हैं। इसलिए विशेषज्ञों की सलाह है कि यदि PF से आंशिक निकासी करनी हो, तो केवल EPF वाले हिस्से से करें, EPS को यूं ही सुरक्षित छोड़ दें।
EPFO ने 1 जनवरी 2025 से एक नई सुविधा की शुरुआत की है, जिसके तहत अब आप देश के किसी भी बैंक से पेंशन निकाल सकते हैं। पहले यह सुविधा केवल कुछ चुनिंदा बैंकों तक सीमित थी। डिजिटल वेरिफिकेशन के ज़रिए अब यह प्रक्रिया और सरल हो गई है, खासतौर पर उन लोगों के लिए जो नौकरी छोड़ने के बाद अपने गांव या अन्य शहरों में जाकर बस गए हैं।
इसलिए अगर आप भी अपने रिटायरमेंट को सुरक्षित बनाना चाहते हैं, तो EPS फंड को हाथ न लगाएं और कम से कम 10 साल तक योगदान सुनिश्चित करें। यह छोटी-सी सावधानी भविष्य में आपके लिए बड़ी राहत बन सकती है।






