
नई दिल्ली | 26 जुलाई 2025
भारत ने कोयला उत्पादन के मामले में अमेरिका, इंडोनेशिया, तुर्की, रूस और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों को पछाड़ते हुए विश्व स्तर पर दूसरी रैंक हासिल कर ली है। एनर्जी इंस्टीट्यूट की “स्टैटिस्टिकल रिव्यू ऑफ वर्ल्ड एनर्जी 2024” रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने साल 2024 में 1085.1 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया, जिससे वह केवल चीन से पीछे है, जिसने 4780.0 मिलियन टन उत्पादन किया।
भारत की यह उपलब्धि उसकी बढ़ती औद्योगिक मांग, ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और माइनिंग सेक्टर की बढ़ती क्षमता को दर्शाती है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत की यह प्रगति ग्लोबल मार्केट में उसकी स्थिति को मजबूत कर रही है।
तीसरे नंबर पर इंडोनेशिया है, जिसने 836.1 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया। वहीं अमेरिका 464.6 मिलियन टन के साथ चौथे नंबर पर और ऑस्ट्रेलिया 462.9 मिलियन टन के साथ पांचवें स्थान पर है। रूस और तुर्की भी इस लिस्ट में पीछे हैं, जिनका उत्पादन क्रमशः 427.2 और 87.0 मिलियन टन रहा।
विशेषज्ञों का मानना है कि कोयले के क्षेत्र में भारत की यह तेज़ प्रगति ऊर्जा सुरक्षा और औद्योगिक विकास के लिए सकारात्मक संकेत है। हालांकि, बढ़ते प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के मद्देनज़र कोयले पर निर्भरता घटाना भी उतना ही ज़रूरी है।
भारत सरकार अक्षय ऊर्जा के विस्तार की दिशा में कदम उठा रही है, लेकिन फिलहाल कोयला ही भारत की ऊर्जा ज़रूरतों का सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक सस्टेनेबल एनर्जी विकल्प पूरी तरह सुलभ और प्रभावी नहीं होते, तब तक कोयला उत्पादन में भारत की यह मजबूती उसकी ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करती रहेगी।
इस सूची में जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका, कजाकिस्तान और मंगोलिया जैसे देश भी शामिल हैं, लेकिन भारत का प्रदर्शन सभी से बेहतर रहा है। यह भारत की वैश्विक ऊर्जा अर्थव्यवस्था में बढ़ती भूमिका का स्पष्ट संकेत है।