
लखनऊ, 26 जुलाई 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित कारगिल शहीद स्मृति वाटिका में कारगिल विजय दिवस मनाया गया। यहां सीएम योगी आदित्यनाथ ने कारगिल युद्ध में शामिल रहे लखनऊ के चार शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया। सीएम ने कहा कि के दिन हमारी सेना के शौर्य का प्रतीक है। हमारे सैनिक पलायन नहीं करते मुंहतोड़ जवाब देते हैं। पुलवामा में 22 लोग मारे गए थे और पाकिस्तान को सबक सिखाने में सैनिकों को 22 मिनट भी नहीं लगा।
कारगिल विजय दिवस पर स्मृति वाटिका में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के शहीद कैप्टन मनोज पांडेय, लांस नायक केवलानंद द्विवेदी, रायफल मैन सुनील जंग और मेजर रितेश शर्मा के परिजनों को सम्मानित किया। मेयर सुषमा खर्कवाल के स्वागत के बाद सीएम के पहुंचते ही छात्राओं ने ‘बेटी हिंदुस्तान की’ गाने पर मौहक प्रस्तुति दी।
कारगिल युद्ध में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए सीएम ने कहा कि आज के दिन ही भारत ने ऑपरेशन विजय को पूर्ण करते हुए पाकिस्तान को धूल चटाकर दुनिया को हैरान कर दिया था। हम भारत के उन वीर सपूतों को नमन करते हैं। ये दिन भारत की सेना के शौर्य का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध पाकिस्तान ने भारत पर थोपा था जिसका मुंहतोड़ जवाब हमारे वीर जवानों ने दिया। हमारे सैनिकों ने पलायन नहीं किया, उसी का नतीजा है कि हमने कारगिल पर विजय प्राप्त की।
कारगिल एक चुनौतीपूर्ण जगह थी जहां का तापमान माइनस 50 डिग्री होता है। इस बेहद चुनौतीपूर्ण हालात में भी हमारे जवानों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए पाकिस्तान के कायरों को धूल चटा दी। उस समय पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ अमेरिका गए और भारत पर दबाव डालने की कोशिश पर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा कि अमेरिका हो या दुनिया की कोई भी ताकत भारत किसी के सामने नहीं झुकेगा और अंत में पाकिस्तान को आत्मसमर्पण करना पड़ा और घुसपैठियों को भागना पड़ा। पाकिस्तान ने पुलवामा में 22 लोगों को मारा। भारत की सेना को पूरे पाकिस्तान को सबक सिखाने में 22 मिनट भी नहीं लगे।

अगर कोई जवान देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए आंतरिक सुरक्षा की स्थिति को बनाए रखने के लिए कहीं बलिदान होता है, तो यूपी सरकार अपने स्तर पर उस जवान के परिवार को 50 लाख की सहायता अलग से देती है। परिवार के एक सदस्य को प्रदेश सरकार नौकरी भी देती है। राष्ट्र की एकता और अखंडता सदैव बलिदान मांगती है। भारत के वीर जवान सम और विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं। उन्हीं की वजह से हम चैन से सो पाते हैं। समृद्धि के मार्ग पर बढ़ पाते हैं व आधुनिक सुविधाओं से लाभान्वित हो पा रहे हैं।






