
नई दिल्ली | 28 जुलाई 2025
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा एक बार फिर विवादों में हैं। कैश फॉर क्वेरी मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट लोकपाल को सौंप दी है, जिसमें मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कथित रूप से पैसे, उपहार और लॉगिन आईडी लेकर संसद में एक बड़े कारोबारी समूह के खिलाफ सवाल पूछे थे।
इस मामले की शुरुआत बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और एक सुप्रीम कोर्ट वकील की शिकायत के बाद हुई थी। आरोप था कि मोइत्रा ने दुबई स्थित व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत के बदले संसद में कारोबारी हितों के अनुरूप प्रश्न पूछे।
सीबीआई ने 21 मार्च 2024 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें मोइत्रा और हीरानंदानी का नाम था। रिपोर्ट में कहा गया है कि महुआ मोइत्रा ने अपने संसदीय विशेषाधिकारों का दुरुपयोग किया, लॉगिन क्रेडेंशियल्स साझा किए और इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हुआ।
इससे पहले, दिसंबर 2023 में लोकसभा ने महुआ मोइत्रा को “अनैतिक आचरण” के आरोप में निष्कासित कर दिया था। उन्होंने इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी और आरोप लगाया था कि उन्हें जवाब देने का अवसर दिए बिना साजिश के तहत सदस्यता रद्द की गई।
हालांकि, मोइत्रा ने 2024 के आम चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी अमृता रॉय को हराकर 18वीं लोकसभा में दोबारा जीत दर्ज की और वर्तमान में वह फिर से टीएमसी सांसद हैं।
लोकपाल को सौंपी गई सीबीआई की इस रिपोर्ट के आधार पर अब यह तय होगा कि महुआ मोइत्रा के खिलाफ मुकदमा चलेगा या नहीं। लोकपाल की सिफारिश के बाद संसद और न्यायिक प्रक्रिया में बड़ा मोड़ आ सकता है। इस घटनाक्रम ने एक बार फिर सांसदों की नैतिकता और जवाबदेही पर बहस को हवा दे दी है।






