
शिमला/देहरादून, 3 अगस्त 2025
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश ने भारी तबाही मचाई है। बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं से जहां हिमाचल में अब तक 98 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं उत्तराखंड में भी कई लोग घायल हुए हैं। दोनों राज्यों में हजारों लोग बेघर हो चुके हैं और सैकड़ों सड़कें बंद हो गई हैं।
हिमाचल प्रदेश में मानसून आने के बाद 20 जून से लेकर 1 अगस्त तक राज्य को लगभग 1,678 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। 1526 मकान पूरी तरह तबाह हो चुके हैं, जबकि 37 लोग अब भी लापता हैं। राज्य में 47 बड़ी बाढ़ की घटनाएं हुईं, जिनमें 28 बादल फटने और बिजली गिरने से जुड़ी थीं। भूस्खलन की 42 घटनाएं दर्ज की गईं। ऊना जिले में जलभराव के कारण लोग छतों पर रहने को मजबूर हो गए, वहीं चंडीगढ़-धर्मशाला हाईवे समेत कई सड़कें बाधित रहीं।
राज्य में 387 सड़कें बंद हैं, जिनमें सबसे अधिक मंडी (187) और कुल्लू (68) की सड़कें प्रभावित हैं। इसके अलावा 747 पावर ट्रांसफॉर्मर और 249 जलापूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से आपदा पीड़ितों के पुनर्वास के लिए भूमि आवंटन की मांग की है।
उत्तराखंड में भी हालात गंभीर हैं। चमोली जिले के हेलंग में टीएचडीसी की जलविद्युत परियोजना साइट पर भूस्खलन के चलते 12 मजदूर घायल हो गए, जिनमें 4 की हालत गंभीर बताई जा रही है। घटनास्थल पर 300 मजदूर काम कर रहे थे जब अचानक पत्थर गिरने लगे। घायलों को पीपलकोटी के विवेकानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया है और एक मजदूर को श्रीनगर स्थानांतरित किया गया है।
दोनों राज्यों में राहत और बचाव कार्य तेज़ी से जारी है, लेकिन मौसम की मार ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सरकारी मशीनरी लोगों की जान बचाने और बुनियादी सेवाएं बहाल करने में जुटी है।