
मुंबई | 04 अगस्त 2025
महाराष्ट्र में निकाय और बीएमसी चुनावों की आहट के बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने मराठी भाषा को लेकर बड़ा बयान दिया है। सोमवार को मुंबई में पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में उन्होंने कार्यकर्ताओं को साफ निर्देश दिए कि पहले लोगों को मराठी भाषा सिखाने की कोशिश करें, लेकिन यदि कोई अकड़ दिखाता है तो पहले की तरह सख्त रवैया अपनाने से पीछे न हटें।
राज ठाकरे ने कहा, “बिना वजह किसी को मत मारो। पहले समझाओ, मराठी सिखाओ। अगर वह नहीं मानता और अकड़ दिखाता है तो जैसा पहले होता आया है वैसा ही करो। लेकिन वीडियो मत बनाओ।” उन्होंने इस दौरान पार्टी में अनुशासन और एकजुटता पर भी जोर दिया। उन्होंने कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश दिया कि आंतरिक गुटबाजी से बचें और चुनावी तैयारियों में जुट जाएं।
बैठक के दौरान राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे से रिश्तों पर भी बात की और कहा कि “अगर हम दोनों भाई बीस साल बाद साथ आ सकते हैं, तो फिर कार्यकर्ता आपस में क्यों लड़ रहे हैं?” उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे पुरानी रंजिशें छोड़कर चुनावी मैदान में जुटें और मतदाता सूची पर विशेष फोकस करें।
राज ठाकरे ने कार्यकर्ताओं को यह जिम्मेदारी भी सौंपी कि वे पुराने पदाधिकारियों को दोबारा सक्रिय करें और जमीनी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए क्षेत्र में काम करें। उन्होंने साफ कहा कि पार्टी की आंतरिक राजनीति में नहीं उलझें, आत्मविश्वास से आगे बढ़ें और आम लोगों की समस्याओं को प्राथमिकता दें।
उन्होंने गठबंधन की अटकलों पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि किसके साथ गठबंधन करना है, यह फैसला उचित समय पर वह खुद लेंगे।
राज ठाकरे के इस बयान से साफ है कि आगामी बीएमसी चुनावों में मनसे मराठी अस्मिता को प्रमुख मुद्दा बनाकर मैदान में उतरने जा रही है और वह अपनी पारंपरिक आक्रामक शैली से पीछे नहीं हटेगी।