
नई दिल्ली, 04 अगस्त 2025
बिहार में चल रहे वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर संसद में जारी गतिरोध के बीच सरकार और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्पष्ट संकेत दिया है कि सदन की कार्यवाही बाधित नहीं होगी और जरूरी विधेयकों पर चर्चा के बाद उन्हें पारित किया जाएगा।
विपक्ष SIR को लेकर चर्चा की मांग कर रहा है, लेकिन सरकार का रुख स्पष्ट है – चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और उसके निर्णयों पर संसद में चर्चा संभव नहीं। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू पहले ही यह कह चुके हैं कि नियम इसकी अनुमति नहीं देते।
संसद में मंगलवार से सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चलाने की तैयारी है। स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष को साफ कहा है कि सरकार जिन विधेयकों को पास करना चाहती है, उस पर चर्चा जरूर होगी। विपक्ष चाहे तो उसमें भाग ले या फिर अनुपस्थित रहे – बिल पास होकर रहेंगे।
इस मुद्दे पर एक नया सुझाव भी सामने आया है – SIR को केंद्र न बनाकर चुनाव सुधारों पर चर्चा की जाए, जिसमें SIR जैसे विषयों को भी समाहित किया जा सके। विपक्ष के कुछ दल इस प्रस्ताव पर सहमत नजर आए हैं।
इस बीच शुक्रवार को चुनाव आयोग ने बिहार में SIR के तहत ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की, जिसमें 65 लाख नाम हटाए गए। इनमें मृत, विस्थापित और विदेशी नागरिक शामिल हैं। राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 7.24 करोड़ है।
विपक्ष का आरोप है कि यह कार्रवाई पक्षपातपूर्ण है और लाखों लोगों को वोटिंग अधिकार से वंचित किया जा रहा है। जदयू, राजद और कांग्रेस समेत कई दल लगातार संसद में इस पर चर्चा की मांग कर रहे हैं।
बिहार की राजनीति के साथ-साथ यह मामला अब राष्ट्रीय स्तर पर गरमा गया है और संसद के मानसून सत्र में इसकी गूंज लगातार सुनाई दे रही है।
फिलहाल स्थिति साफ है – संसद में हंगामे के बावजूद बिल पास होंगे और SIR पर चर्चा तभी संभव है जब नियम अनुमति दें और चेयर मंजूरी दे।






