
श्रीनगर, 4 अगस्त 2025
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के छह साल पूरे होने से पहले जम्मू-कश्मीर की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए पूछा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा आखिर कब वापस मिलेगा? उन्होंने सीधे भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि पिछले छह वर्षों में केंद्र ने सुधार के नाम पर क्या किया है?
फारूक अब्दुल्ला ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मुझे पूरा भरोसा है कि एक दिन उन्हें (केंद्र को) यह फैसला करना ही पड़ेगा। इसके अलावा उनके पास और कोई रास्ता नहीं है। आज जम्मू-कश्मीर में एक वायसराय राजभवन में बैठा है, और वही मुख्य व्यक्ति है। अब इस व्यवस्था को बदलने का समय आ गया है। यह देश लोकतांत्रिक है, न कि औपनिवेशिक।”
डॉ. अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A हटाए जाने को लेकर यह तर्क दिया गया था कि इससे आतंकवाद खत्म होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कुलगाम मुठभेड़ का हवाला देते हुए पूछा, “अगर आतंकवाद खत्म हो गया है, तो फिर आज कुलगाम में मुठभेड़ कैसे हो रही है?”
उन्होंने यह भी कहा कि “जो लोग कहते थे कि अनुच्छेद 370 आतंकवाद की जड़ है, वे खुद यहां कई वर्षों तक शासन में थे। उन्होंने पहले दावा किया था कि सभी आतंकी शिविर नष्ट कर दिए गए हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।”
इससे पहले पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती भी केंद्र पर निशाना साध चुकी हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा छीने जाने के बाद हालात सुधरने की बात कही गई थी, लेकिन वास्तविकता इसके विपरीत है।
5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा समाप्त किया था और इसे केंद्रशासित प्रदेश में तब्दील कर दिया था। अब छह साल बाद भी राज्य का दर्जा बहाल न होने को लेकर विपक्ष लगातार सरकार से जवाब मांग रहा है।