नई दिल्ली, 6 अगस्त 2025
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट के जज पद के लिए तीन वकीलों के नामों की सिफारिश की है। इनमें वकील अजित भगवानराव कडेथांकर, आरती अरुण साठे और सुशील मनोहर घोडेश्वर शामिल हैं। भाजपा प्रवक्ता रहीं आरती साठे के नाम की सिफारिश जज पद के लिए करने पर एनसीपी और कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधा है।
एनसीपी महासचिव और विधायक रोहित पवार ने सोशल मीडिया पर इस बारे में पोस्ट किया। उन्होंने आरती साठे की एक तस्वीर पोस्ट की। इसमें तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले द्वारा जारी की गई प्रदेश प्रवक्ताओं की सूची दिखाई दे रही है। आरती साठे को भाजपा महाराष्ट्र का प्रवक्ता नियुक्त किया गया है। रोहित पवार ने कहा कि सार्वजनिक मंच से सत्ताधारी दल का समर्थन करने वाले व्यक्ति को न्यायाधीश नियुक्त करना लोकतंत्र के लिए एक बड़ा झटका है। उन्होंने कहा कि इसके भारतीय न्यायिक व्यवस्था की निष्पक्षता पर दूरगामी परिणाम होंगे।
अगर किसी हाईकोर्ट में जज के पद पर आसीन व्यक्ति की पृष्ठभूमि राजनीतिक हो और वह सत्तारूढ़ दल में किसी पद पर हो, तो कौन गारंटी देगा कि न्याय प्रक्रिया राजनीतिक तरीके से नहीं चलेगी? क्या किसी राजनीतिक व्यक्ति की नियुक्ति पूरी न्याय प्रक्रिया पर प्रश्नचिह्न नहीं लगाती? पवारानी ने सवाल उठाए हैं।महाराष्ट्र कांग्रेस ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। कांग्रेस ने टिप्पणी की है कि यह एक बेशर्मी भरा कृत्य है। न्यायिक पदों के लिए भाजपा प्रवक्ताओं का चयन किया जा रहा है। यह भाजपा द्वारा उजागर लोकतंत्र का एक क्रूर मजाक है। कांग्रेस ने खुद भी भाजपा प्रवक्ता के बारे में ऐसी ही यादें सोशल मीडिया पर पोस्ट की हैं।
इस बीच, भाजपा ने आरती साठे के इस्तीफे को लेकर सफाई दी है। आरती साठे को 6 जनवरी, 2024 को भाजपा प्रवक्ता पद से इस्तीफा देना था। भाजपा ने स्पष्ट किया है कि संदिग्ध पत्र तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार को दिया गया था।