धराली, 7 अगस्त 2025
उत्तराखंड के धराली ज़िले में बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ से हुए दिल दहला देने वाले विनाश के बाद। इस बाढ़ में लापता लोगों की पहचान के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने शवों की पहचान के लिए पहली बार कैडेवर डॉग स्क्वॉड को तैनात किया है। कुत्तों की विशेष रूप से प्रशिक्षित टीम शवों की गंध पहचान सकती है।
दो विशेष रूप से प्रशिक्षित कुत्तों को दिल्ली से धराली हवाई मार्ग से लाया गया। ये श्वान दल लापता व्यक्तियों की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
राज्य के विभिन्न हिस्सों से 35 कर्मियों वाली एनडीआरएफ की तीन टीमें पहले ही घटनास्थल पर पहुँच चुकी हैं और बचाव अभियान चला रही हैं। एनडीआरएफ की दो और टीमें देहरादून हवाई अड्डे पर पहुँच चुकी हैं। ज़रूरत पड़ने पर उन्हें भी हवाई मार्ग से पहुँचाया जाएगा।
एनडीआरएफ के इतिहास में यह पहली बार है कि शवों का पता लगाने के लिए श्वान दल का इस्तेमाल किया गया है। ये कुत्ते विशेष रूप से प्रशिक्षित होते हैं और उन जगहों पर भी आसानी से शवों का पता लगा सकते हैं जो इंसानी आँखों से दिखाई नहीं देते।
एनडीआरएफ ने लगभग आधा दर्जन शव-संग्रह कुत्तों को प्रशिक्षित किया है, जिनमें से ज़्यादातर बेल्जियन मेलिनोइस और लैब्राडोर हैं। प्रशिक्षण के लिए, बल ने विदेश से एक विशेष गंध-संवेदी उपकरण मँगवाया है ताकि वे सड़ते हुए मानव शरीर की गंध को बारीकी से पहचान सकें।