
नई दिल्ली, 7 अगस्त 2025
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आयात होने वाले उत्पादों पर 25% का अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह शुल्क 7 अगस्त से प्रभावी हो चुका है, जिससे भारत के कई श्रम-प्रधान निर्यात क्षेत्रों पर सीधा प्रभाव पड़ने की आशंका है। इस कदम से भारत से अमेरिका को भेजे जाने वाले कुल उत्पादों पर टैरिफ अब 50% तक पहुंच गया है।
यह फैसला ट्रंप प्रशासन ने भारत के रूस से सस्ते पेट्रोलियम और रक्षा उपकरणों की खरीद के जवाब में लिया है। खास तौर पर कपड़ा, रेडीमेड गारमेंट्स, हैंडीक्राफ्ट्स, चमड़े का सामान, ज्वेलरी और सीफूड जैसे सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। पहले से ही वैश्विक प्रतिस्पर्धा, बढ़ती लागत और अमेरिकी मार्केट में गिरती मांग से जूझ रही ये इंडस्ट्री अब और गहरे संकट में फंस सकती हैं।
टैरिफ बढ़ने से इन उत्पादों की कीमत अमेरिका में बढ़ेगी, जिससे उनकी मांग में गिरावट और निर्यात में भारी नुकसान हो सकता है। भारतीय निर्यातकों को बड़े ऑर्डर कैंसिल होने और बाजार खोने का खतरा बढ़ गया है।
हालांकि फार्मा, स्मार्टफोन और पेट्रोलियम जैसे कुछ बड़े सेक्टरों को फिलहाल राहत दी गई है। ये अभी ट्रंप की ‘छूट लिस्ट’ में हैं। वित्त वर्ष 2025 में भारत ने अमेरिका को लगभग 10.5 अरब डॉलर की दवाइयां और 14.6 अरब डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद निर्यात किए थे। पेट्रोलियम एक्सपोर्ट भी फिलहाल प्रभावित नहीं हुआ है, हालांकि ट्रंप की नीति में भविष्य में बदलाव संभव है।
27 अगस्त से यह अतिरिक्त टैरिफ पूरी तरह लागू हो जाएगा। भारत और अमेरिका के बीच एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते की बातचीत सितंबर-अक्टूबर में प्रस्तावित है। अगर यह डील होती है, तो कुछ राहत मिल सकती है, वरना भारत को अपने एक्सपोर्ट मॉडल पर फिर से विचार करना होगा।
 
				 
					





