
नई दिल्ली, 8 अगस्त 2025:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए स्पष्ट संदेश दिया कि भारत अपने किसानों, मछुआरों और डेयरी उत्पादकों के अधिकारों से कभी समझौता नहीं करेगा। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने भारत पर उच्च टैरिफ लगाकर व्यापारिक दबाव बनाने की कोशिश की है।
मोदी ने कहा, “भारत की प्राथमिकता है – अपने अन्नदाता, अपने मछुआरे और अपने डेयरी किसान। कोई भी अंतरराष्ट्रीय समझौता हो, भारत अपने हितों की अनदेखी नहीं करेगा।” उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र को सशक्त करने के लिए ‘नवाचार, तकनीक और रिसर्च’ को प्राथमिकता दे रही है, ताकि देश खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ किसानों की आय को भी दोगुना कर सके।
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत ने हाल के वर्षों में कृषि अनुसंधान, बायोफोर्टिफाइड फसलों और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने में कई अहम कदम उठाए हैं। साथ ही उन्होंने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों पर केंद्र द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि “न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में ऐतिहासिक बढ़ोतरी, किसान सम्मान निधि, और पीएम फसल बीमा योजना जैसे कदम इस सरकार की किसान-प्रथम सोच को दर्शाते हैं।”
इस दौरान उन्होंने अमेरिका की नई टैरिफ नीति का नाम लिए बिना कहा कि “बाहरी दबाव चाहे कितना भी हो, भारत अपने कृषि, मत्स्य और डेयरी सेक्टर के उत्पादकों की भलाई के साथ कोई समझौता नहीं करेगा।”
सम्मेलन में 20 से अधिक देशों के कृषि वैज्ञानिक, नीति निर्माता, और अंतरराष्ट्रीय संगठन के प्रतिनिधि शामिल हुए। मोदी ने वैश्विक समुदाय से अपील की कि जलवायु परिवर्तन, फूड सिक्योरिटी और किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए साझा समाधान निकाले जाएं।
प्रधानमंत्री के इस भाषण को अमेरिका-भारत व्यापार तनाव की पृष्ठभूमि में एक निर्णायक बयान के रूप में देखा जा रहा है, जिससे यह संकेत मिलता है कि भारत अंतरराष्ट्रीय दबावों के बावजूद अपने स्थानीय हितों की रक्षा को सर्वोपरि रखेगा।