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मिनिमम बैलेंस पर बढ़ा बोझ, आईसीआईसीआई से एचडीएफसी तक जानें नियम

नई दिल्ली, 10 अगस्त 2025

– आईसीआईसीआई बैंक ने सेविंग्स अकाउंट में मिनिमम बैलेंस की लिमिट को 10 हजार रुपये से बढ़ाकर सीधे 50 हजार रुपये कर दिया है। इस बदलाव के बाद मिनिमम बैलेंस रखने को लेकर ग्राहकों के बीच चर्चा तेज हो गई है। बैंक ने शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण इलाकों के लिए अलग-अलग लिमिट तय की है। शहरी क्षेत्रों में अब 50 हजार रुपये, अर्ध-शहरी में 25 हजार रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 10 हजार रुपये बैलेंस रखना अनिवार्य होगा। नियम का पालन न करने पर ग्रामीण शाखाओं में मिनिमम अमाउंट का 5 प्रतिशत पेनल्टी, जबकि अर्ध-शहरी और शहरी शाखाओं में 100 रुपये के साथ 5 प्रतिशत पेनल्टी लगाई जाएगी।

देश के अन्य बैंकों में भी अलग-अलग मिनिमम बैलेंस की शर्तें लागू हैं। सरकारी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने साल 2020 में ही मिनिमम बैलेंस न रखने पर लगने वाली पेनल्टी खत्म कर दी थी, लेकिन कई निजी और सरकारी बैंक अभी भी यह नियम लागू रखते हैं।

एचडीएफसी बैंक में मेट्रो और शहरी क्षेत्रों की शाखाओं के लिए 10 हजार रुपये, अर्ध-शहरी के लिए 5 हजार रुपये और ग्रामीण शाखाओं के लिए 2500 रुपये का बैलेंस रखना जरूरी है। बैलेंस कम होने पर अधिकतम 600 रुपये तक पेनल्टी लग सकती है।

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में शहरी क्षेत्रों में चेकबुक के साथ 1000 रुपये और बिना चेकबुक के 500 रुपये, अर्ध-शहरी में क्रमशः 500 और 250 रुपये, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में चेकबुक के साथ 250 रुपये और बिना चेकबुक के 100 रुपये बैलेंस रखना जरूरी है।

एक्सिस बैंक में मिनिमम बैलेंस की लिमिट शहरी क्षेत्रों में 12 हजार रुपये, अर्ध-शहरी में 5 हजार रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 2500 रुपये है।

इन नियमों से स्पष्ट है कि अलग-अलग बैंकों में मिनिमम बैलेंस की शर्तें और पेनल्टी का ढांचा काफी भिन्न है, जिससे ग्राहकों को खाता खोलने और बैलेंस बनाए रखने से पहले बैंक की नीति को समझना जरूरी हो जाता है।

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