मुरादाबाद, 10 अगस्त 2025 –
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने से आई आपदा पर दिए गए विवादित बयान के बाद समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद एसटी हसन ने अपनी सफाई पेश की है। उन्होंने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। असल में उनका आशय यह था कि हमने अपने ईको सिस्टम को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। अंधाधुंध पेड़ों की कटाई और पर्यावरण से छेड़छाड़ के कारण इस तरह की प्राकृतिक आपदाएं आ रही हैं।
हसन ने कहा कि भारत एक धार्मिक देश है, जहां हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी रहते हैं और मानते हैं कि जो कुछ भी होता है, वह ईश्वर की इच्छा से होता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि हमने मंदिरों और मस्जिदों पर बुलडोजर चलाकर आस्था को चोट पहुंचाई है, जिससे भी लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं।
उनके इस बयान पर एआईआईए के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अत्याचार चाहे धार्मिक हो या सामाजिक, उसके बढ़ने पर प्राकृतिक आपदाओं का आना स्वाभाविक है। हालांकि उन्होंने जंगलों की कटाई वाले तर्क पर सवाल उठाते हुए इसे सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश बताया।
वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन ने हसन के बयान की कड़ी आलोचना की और कहा कि किसी भी आपदा को धर्म से जोड़ना गलत है। आपदा को आपदा के रूप में ही देखा जाना चाहिए, न कि इसे हिंदू-मुस्लिम रंग दिया जाए।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, धराली में बादल फटने से अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग लापता हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है, जबकि विशेषज्ञ इसे पर्यावरणीय असंतुलन और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी बड़ी चुनौती मान रहे हैं।