अंकारा, 12 अगस्त 2025
यूक्रेन पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हमले के बाद तुर्की रूसियों के लिए एक बड़ा ठिकाना बन गया था, लेकिन बीते दो वर्षों में यहां रहने वाले रूसी नागरिकों की संख्या लगभग आधी हो गई है। 2023 में जहां तुर्की में करीब 1,54,000 रूसी रह रहे थे, वहीं 2025 में यह संख्या घटकर लगभग 85,000 पर पहुंच गई है। यह आंकड़े रूस समर्थक अखबार इज्वस्टिया ने अंकारा स्थित रूसी दूतावास के हवाले से जारी किए हैं।
रूसियों के पलायन की सबसे बड़ी वजह तुर्की में बढ़ती महंगाई और सख्त आव्रजन नियम बताए जा रहे हैं। महंगाई दर फिलहाल 33% के करीब है, वहीं घरों की कीमतें एक साल में 30% से अधिक बढ़ गई हैं। इसके अलावा कई रूसियों को निवास परमिट के नवीनीकरण में कठिनाई हो रही है। अगस्त 2024 से तुर्की ने पर्यटकों को अस्थाई परमिट देना भी बंद कर दिया है। कुछ क्षेत्रों में विदेशियों के लिए घर खरीदने या किराए पर लेने पर रोक लगा दी गई है।
विदेशियों पर टैक्स में बढ़ोतरी, सार्वजनिक सेवाओं की गुणवत्ता में गिरावट, अस्पतालों में लंबा इंतजार, गंदगी और सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान जैसी समस्याएं भी रूसियों को तुर्की छोड़ने पर मजबूर कर रही हैं। परिणामस्वरूप, कई लोग रूस लौट रहे हैं, जबकि अन्य सर्बिया, पुर्तगाल, स्पेन, जॉर्जिया जैसे देशों में बस रहे हैं।
द इकोनॉमिस्ट के अनुसार, फरवरी 2022 के बाद रूस से पलायन 1920 के दशक के बाद की सबसे बड़ी सामूहिक प्रवासन लहर है। रूसी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पुतिन के सत्ता में आने के बाद से 16 से 20 लाख लोग रूस छोड़ चुके हैं, जिनमें से लगभग आधी संख्या ने यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद देश छोड़ा है। तुर्की, सर्बिया, कजाखस्तान, आर्मेनिया, इज़राइल, यूरोप और अमेरिका इस लहर में प्रमुख गंतव्य रहे हैं।