
पणजी, 13 अगस्त 2025 —
देशभर में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस बड़े उत्साह से मनाया जाता है, लेकिन गोवा के लिए असली आजादी का दिन 19 दिसंबर है, जिसे ‘गोवा मुक्ति दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। दरअसल, 15 अगस्त 1947 को जब भारत अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ, तब भी गोवा पुर्तगालियों के कब्जे में था। पुर्तगाली 1510 से यहां शासन कर रहे थे और उन्होंने भारत की आजादी के बाद भी सत्ता छोड़ने से इनकार कर दिया।
कई वर्षों तक गोवा मुक्ति आंदोलन चलता रहा, लेकिन निर्णायक नतीजा नहीं निकला। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कई असफल वार्ताओं के बाद सैन्य कार्रवाई का निर्णय लिया। 18 दिसंबर 1961 को भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना ने संयुक्त अभियान ‘ऑपरेशन विजय’ शुरू किया। उस समय गोवा में सिर्फ 3,300 पुर्तगाली सैनिक मौजूद थे। शाम तक पुर्तगाल ने आत्मसमर्पण कर दिया और सचिवालय से उनका झंडा उतारकर सफेद झंडा फहराया गया।
19 दिसंबर 1961 की सुबह मेजर जनरल के.पी. कैंडथ ने सचिवालय के सामने भारतीय तिरंगा फहराया। इस अभियान में सात नौसैनिक और अन्य सैनिकों ने अपने प्राण न्यौछावर किए। उनकी याद में भारतीय नौसेना के जहाज ‘गोमांतक’ पर युद्ध स्मारक बनाया गया।
इसी ऐतिहासिक घटना के कारण गोवा में हर साल 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस बड़े सम्मान और देशभक्ति के साथ मनाया जाता है, जबकि 15 अगस्त को भी स्वतंत्रता दिवस के राष्ट्रीय उत्सव में शामिल होकर राज्यवासी देश के साथ जश्न मनाते हैं।