
नई दिल्ली, 14 अगस्त 2025
भारतीय सेना अगले 15 दिनों में बड़े बदलाव के दौर से गुजरने वाली है। ‘डीकेड ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन एक्शन प्लान’ के पहले चरण की समयसीमा अगस्त अंत तय की गई है, जिसे युद्धस्तर पर पूरा किया जा रहा है। योजना के तहत दिव्यास्त्र बैटरी, शक्तिबाण रेजिमेंट और भैरव बटालियन को पूरी तरह ऑपरेशनल किया जाएगा। दिव्यास्त्र बैटरी में आर्टिलरी गन के साथ लॉयटरिंग म्यूनिशन और ड्रोन होंगे, जबकि शक्तिबाण रेजिमेंट में सिर्फ ड्रोन और लॉयटरिंग म्यूनिशन का इस्तेमाल होगा।
पहले चरण में 5 दिव्यास्त्र बैटरियां और 3 शक्तिबाण रेजिमेंट बनाई जाएंगी। इसके अलावा, सीमाओं पर 5 भैरव बटालियन तैनात होंगी, जो हल्के हथियारों के साथ तेज और सटीक हमले करने में सक्षम होंगी। सेना की हर इंफेंट्री बटालियन में एक ड्रोन प्लाटून जोड़ी जाएगी, जो निगरानी और आक्रामक कार्रवाई दोनों कर सकेगी।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद ‘रुद्र’ ब्रिगेड के गठन की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। इस ब्रिगेड में इंफेंट्री, टैंक, आर्टिलरी, स्पेशल फोर्स और ड्रोन एक साथ ऑपरेट करेंगे। इन बदलावों से सेना की मारक क्षमता, तकनीकी बढ़त और प्रतिक्रिया समय कई गुना बढ़ने की उम्मीद है, जिससे दुश्मन पर दबाव और अधिक बढ़ जाएगा।