
अंशुल मौर्य
वाराणसी, 28 अगस्त 2025:
वाराणसी का ऐतिहासिक ‘मर्दाना इमामबाड़ा’ एक बार फिर विवादों में घिर गया है। हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो ने इस स्थल की पहचान को लेकर नए सिरे से बहस छेड़ दी है। इस वीडियो में इमामबाड़े की दीवारों पर काले पर्दे लटके हुए दिखाई दे रहे हैं, जिसके बाद स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों ने इसे प्राचीन गुप्तेश्वर महादेव मंदिर होने का दावा किया है।

स्थानीय निवासियों का आरोप है कि इमामबाड़े की दीवारों और पर्दों के पीछे प्राचीन मंदिर के अवशेष छिपे हुए हैं। उनका कहना है कि इस स्थान पर मौजूद एक कुएं के पास वह रहस्य छुपा है, जिसे वैज्ञानिक और पुरातात्विक जांच से उजागर किया जा सकता है। हिंदू संगठन से जुड़े निखिल रुद्र ने कहा कि यह इमामबाड़ा नहीं, बल्कि गुप्तेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर है। पर्दों और दीवारों के पीछे की सच्चाई को छिपाया जा रहा है। प्रशासन को इस मामले की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए।
सदियों पुरानी इस इमारत को लेकर इतिहासकारों के बीच भी अलग-अलग राय हैं। कुछ इतिहासकार इसे इमामबाड़ा मानते हैं, जबकि हिंदू पक्ष का दावा है कि यह प्राचीन शिव मंदिर है जिसे बाद में इमामबाड़े में बदल दिया गया। इस विवाद ने धार्मिक और ऐतिहासिक दोनों ही पहलुओं पर गहन चर्चाओं को जन्म दिया है।
वायरल वीडियो के बाद स्थानीय लोग और संगठन प्रशासन से इस स्थल की गहन जांच कराने की मांग कर रहे हैं, ताकि इसकी ऐतिहासिक सच्चाई सामने आ सके। हालांकि, इस मामले में अभी तक प्रशासन की ओर से कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों और वीडियो ने इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया है, जिससे यह विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है।






