लखनऊ, 7 जनवरी 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ में भीषण ठंड के बीच भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की अगुवाई में तमाम किसानों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंच कर धरना प्रदर्शन किया। 11 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन में कई महिलाएं भी शामिल हुईं।
राष्ट्रपति को भेजा मांगों का ज्ञापन
भाकियू के जिलाध्यक्ष आलोक वर्मा के नेतृत्व में किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एमएसपी समेत विभिन्न मांगों को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। आलोक ने कहा कि भीषण ठंड में हम लोग कलेक्ट्रेट का घेराव करने को मजबूर हैं।अन्नदाताओं को हर दिन संघर्ष करना पड़ता है।
सरकार पर वादे पूरे न करने का आरोप
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार किसानों से किए गए वादों को पूरा नहीं कर रही है। किसानों को खेती से ज्यादा सरकार से अपना अधिकार लेने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। सर्दी, गर्मी और बरसात की परवाह किए बिना किसान खेतों में जूझता है। कड़ी मेहनत के बाद जब फसलों से कुछ फायदे की उम्मीद होती है तो सरकार निगाहें फेर लेती है।
किसानों की प्रमुख मांगें
-सभी फसलों के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत खरीद के साथ तय एमएसपी दी जाए।
-गन्ने का मूल्य उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में खर्च के अनुपात में 500 रुपये प्रति कुंतल घोषित किया जाए।
-43 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य को देखते हुए केन्द्र सरकार किसानों की सभी मांगें जल्द पूरी करे।
-ऋणग्रस्तता और किसान की आत्महत्याओं को रोकने के लिए व्यापक ऋण माफी की जाए।
-राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) को खत्म किया जाए। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली का निजीकरण न किया जाए।
-डिजिटल कृषि मिशन (डीएएम), राष्ट्रीय सहयोग नीति और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ आईसीएआर समझौते न किए जाएं जो राज्य सरकारों के अधिकारों का अतिक्रमण करते हैं। कृषि के निगमीकरण को बढ़ावा देते हैं।
- कृषि उपकरणों व अन्य वस्तुओं को जीएसटी मुक्त किया जाए और देश में जेनेटिकली मोडिफाईड सीड्स पर रोक लगाई जाए।
-केन्द्र सरकार न्यू नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट पॉलिसी को रद्द करे। सभी किसान संगठनों से चर्चा कर एक प्रभावी नीति तैयार करे