
आदित्य मिश्र
अमेठी , 1 सितंबर 2025 :
यूपी के अमेठी जिले में वैष्णो देवी दर्शन कर लौटे श्रद्धालु लैंडस्लाइड की याद कर सिहर उठते हैं। उनका कहना है कि जीवन में ऐसा मंजर कभी नहीं देखा था बस ‘देवी मां’ की कृपा ने हमें बचा लिया। इन यादों को भुलाना आसान भी नहीं होगा।

बता दें कि जिले के संग्रामपुर क्षेत्र के अलग-अलग गांवों से दीनानाथ दुबे, बचना देवी, जयप्रकाश, गुड्डू द्विवेदी, रमाकांत तिवारी, राधे मोहन तिवारी, विनोद सोनी समेत 47 लोगों का जत्था 25 अगस्त को सुल्तानपुर से ट्रेन पकड़कर जम्मू कश्मीर मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए निकला था। 30 अगस्त शनिवार की रात 47 श्रद्धालु अमेठी लौट आए। चार दिन तक भय और दहशत में गुजरी इस यात्रा को श्रद्धालु अब तक याद कर सिहर उठते हैं। रविंद्र मिश्र ने बताया, 26 अगस्त की सुबह कटरा पहुंचे ही थे कि अचानक मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। नदियां उफान पर थीं, सड़कें बह रही थीं। हमने अपनी आंखों से बादल फटते देखा। पलभर में कई लोग पत्थरों की चपेट में आकर घायल हो गए।
इसी दौरान जोरदार धमाके के साथ पहाड़ दरका और भारी भूस्खलन हुआ। विशाल पत्थर व मलबा गिरते ही रास्ता बंद हो गया। चारों तरफ धूल का गुबार छा गया और लोग चीखने-चिल्लाने लगे। शत्रुघ्न शर्मा ने बताया कि हमारी आंखों के सामने शवों को ट्रॉलियों से नीचे ले जाया जा रहा था। कहीं कोई चेतावनी बोर्ड नहीं था और पुलिस भी बेबस नजर आई। उल्टे कटरा स्टेशन पर पुलिस ने मदद करने के बजाय श्रद्धालुओं से मारपीट की।
शैलेंद्र कुमार व नंदलाल मिश्र के मुताबिक, “चार दिन तक मोबाइल नेटवर्क और बिजली पूरी तरह ठप रही। खाने-पीने का सामान सोने के भाव बिक रहा था। 20 रुपये की बोतल 50 रुपये में खरीदनी पड़ी। 29 अगस्त को सभी जम्मू से अंबाला पहुंचे और वहां से ट्रेन द्वारा लखनऊ होकर अमेठी लौटे। घर पहुंचते ही परिजनों ने राहत की सांस ली। चंचल तिवारी ने कहा कि माता की कृपा से हम सकुशल लौट आए। ऐसा भयावह मंजर जिंदगी भर भूल नहीं पाएंगे।






