लखीमपुर खीरी/लखनऊ, 14 नवंबर 2024:
जमीन की पैमाइश की अर्जी को पांच साल तक लटकाए रखना, वह भी संघ से जुड़े व्यक्ति के मामले में। इतना ही नहीं पैसा भी लिया गया। इस मामले में भाजपा के चर्चित विधायक योगेश वर्मा ने पिछले दिनों एक अफसर को घेरकर काम न होने की वजह पूछी और रिश्वत के पैसे वापस मांगे तो हंगामा हो गया।
इसका वीडियो वायरल होने पर मामला शासन तक पहुंचा। सीएम योगी ने संज्ञान लिया तो एक आईएएस अफसर और तीन पीसीएस अफसर निलंबित कर दिए गए। इस कार्रवाई से अफसरों में हड़कंप मच गया। इसके साथ आम लोगों में भ्रष्टाचार को लेकर सीएम योगी की सख्ती की चर्चा हो रही है।
अलग-अलग जिलों में तैनात थे अफसर
निलंबित हुए अफसर इस समय अलग-अलग जिलों में तैनात थे। इन अधिकारियों को राजस्व परिषद से अटैच कर दिया गया है। निलंबित किए गए वालों में आईएएस अधिकारी व अपर आयुक्त लखनऊ मंडल धनश्याम सिंह, पीसीएस अधिकारियों में बाराबंकी के एडीएम (वित्त एवं राजस्व) अरुण कुमार सिंह, झांसी के नगर मजिस्ट्रेट विधेश सिंह, बुलंदशहर की एसडीएम रेनु शामिल हैं। इन चारों अधिकारियों ने लखीमपुर खीरी में अपनी तैनाती के दौरान पैमाइश के मामलों में टालमटोल की।
वायरल हुआ था विधायक का वीडियो
थप्पड़ कांड को लेकर गत माह चर्चा में आए लखीमपुर खीरी के भाजपा विधायक योगेश वर्मा का गत 24 अक्तूबर को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें वह स्कूटी पर बैठकर सड़क पर एसडीएम से लेकर कानूनगो की शिकायत करते नजर आए। इस वीडियो में विधायक कह रहे थे कि सेवानिवृत्त शिक्षक की भूमि की पैमाइश के लिए घूस में पांच हजार रुपये लिए गए। घूस की रकम को वापस करने की मांग की थी। यह भी कहा कि रिटायर्ड शिक्षक संघ से जुड़े हैं। वीडियो गूंजा तो उच्च स्तर से जांच के आदेश दिए गए। डीएम से पूरी रिपोर्ट मांगी गई। रिपोर्ट के आधार पर चारों अफसरों को दोषी पाया गया और कार्रवाई हुई।