लखनऊ, 7 सितंबर 2025:
यूपी सरकार ने आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब राज्य के शहरी क्षेत्रों में हर वार्ड और मोहल्ले में आवारा कुत्तों को खाना खिलाने के लिए एक निश्चित स्थान निर्धारित किया जाएगा। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात की ओर जारी नए निर्देशों में इन “फीडिंग जोन” को बच्चों के खेल के मैदानों, प्रवेश द्वारों और अधिक भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रखने का प्रावधान है।
यह निर्णय शहरी क्षेत्रों में लगातार हो रही आवारा कुत्तों के काटने की घटनाओं और मानव-पशु संघर्ष की समस्या को देखते हुए लिया गया है। नए नियमों के अनुसार अब पशु प्रेमियों को केवल निर्धारित फीडिंग जोन में ही कुत्तों को भोजन देना होगा। उन्हें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वे बचे हुए भोजन का उचित निस्तारण करें और स्वच्छता बनाए रखें। आवासीय सोसायटियों को भी इन नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
निर्देशों में आवारा कुत्तों को गोद लेने की व्यवस्था भी शामिल है। जो लोग कुत्तों को गोद लेंगे, उन्हें बाद में उन्हें छोड़ना अपराध माना जाएगा। इसके अलावा आवारा कुत्तों की नसबंदी और रैबीज टीकाकरण का कार्यक्रम भी निरंतर जारी रहेगा। टीकाकरण और नसबंदी के बाद कुत्तों को उसी क्षेत्र में वापस छोड़ा जाएगा जहां से उन्हें पकड़ा गया था।
इन नियमों का पालन कर रहे पशु प्रेमियों को धमकाना या उनके साथ दुर्व्यवहार करना अब एक अपराध माना जाएगा। फीडिंग से संबंधित किसी भी विवाद की स्थिति में एक समिति गठित की जाएगी, जिसमें पुलिस, पशु चिकित्सक, आवासीय सोसायटी के सदस्य और अन्य संबंधित लोग शामिल होंगे। इस समिति का निर्णय अंतिम होगा।
नगर निकाय नागरिकों को नए नियमों और फीडिंग जोन के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाएंगे। शिकायतों और समस्याओं के समाधान के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी उपलब्ध कराया जाएगा। सभी निकायों को इस कार्य के लिए एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त करना होगा, जिसकी निगरानी निदेशक स्थानीय निकाय की अध्यक्षता में एक समिति करेगी