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लखनऊ से एंबी वैली तक फैली संपत्तियां अदाणी को बेचना चाहता सहारा ग्रुप, सुप्रीम कोर्ट से मांगी मंजूरी

नई दिल्ली, 30 सितंबर 2025:

निवेशकों की बकाया राशि के दबाव में फंसे सहारा समूह ने अपनी प्रमुख कंपनी सहारा इंडिया कॉमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड (SICCL) के जरिये सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कंपनी ने शीर्ष अदालत से लखनऊ से लेकर महाराष्ट्र स्थित एंबी वैली तक फैली 88 संपत्तियों को अदाणी प्रॉपर्टीज प्रा. लि. को बेचने की अनुमति मांगी है।

जानकारी के मुताबिक गत दिनों दोनों पक्षों के बीच टर्म शीट पर सहमति बनी थी। इस लेन-देन को सहारा समूह ने महत्वपूर्ण सफलता बताते हुए कहा कि इससे संपत्तियों का उचित मूल्य मिलेगा और अदालत के आदेशों का पालन सुनिश्चित किया जा सकेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 12 सितंबर को सहारा समूह द्वारा सेबी के पास जमा 24,030 करोड़ रुपये में से 5,000 करोड़ रुपये का वितरण निवेशकों को करने का आदेश दिया था। सहारा ने अब तक लगभग 16,000 करोड़ रुपये की राशि संपत्ति बेचकर सेबी-सहारा रिफंड खाते में जमा कराई है।

याचिका में कहा गया कि सेबी के प्रयासों के बावजूद अब तक परिसंपत्तियों की बिक्री सफल नहीं हो सकी। समूह ने स्वीकार किया कि 2023 में सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय के निधन के बाद से निर्णायक नेतृत्व का अभाव, लंबित मुकदमे और जांच एजेंसियों की कार्रवाइयों ने संभावित खरीदारों का विश्वास कमजोर किया है।

सहारा समूह ने अदालत से अपील की है कि निवेशकों के हितों की रक्षा और बकाया भुगतान सुनिश्चित करने के लिए संपत्तियों की बिक्री को तत्काल मंजूरी दी जाए।

सहारा समूह पर देशभर में लगभग 13 करोड़ निवेशकों की राशि लौटाने का दबाव है। आरोप है कि कंपनी ने करीब 5 लाख करोड़ रुपये निवेशकों को नहीं लौटाए, जबकि एजेंटों के माध्यम से उन्हें ऊंचे रिटर्न का लालच दिया गया था।

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