
राम दशरथ यादव/एमएम खान
लखनऊ, 2 अक्टूबर 2025 :
यूपी में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता के खिलाफ शिक्षक संगठनों का विरोध जारी है। गुरुवार को पर्व व अवकाश होने के बावजूद शिक्षक संगठनों ने एक बार फिर आवाज बुलंद की। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने रक्षा मंत्री के प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा वहीं प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन ने मोहनलालगंज विधायक अमरेश रावत को मांग पत्र दिया। शिक्षक नेताओं ने इस दौरान बताया कि टीईटी की अनिवार्यता का किस तरह विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
रक्षा मंत्री के प्रतिनिधि को ज्ञापन देने पहुंचे प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ का एक प्रतिनिधिमंडल लखनऊ के अध्यक्ष सुधांशु मोहन की अगुवाई में रक्षा मंत्री एवं स्थानीय सांसद राजनाथ सिंह के प्रतिनिधि राघवेंद्र शुक्ला से मिला। सुधांशु मोहन ने कहा कि परिषदीय शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने की अनिवार्यता पर पुर्नविचार करने की आवश्यकता है। इसके लिए सरकार याचिका दाखिल कर मजबूत पैरवी करे या फिर विधायी शक्तियों का प्रयोग कर शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में आवश्यक संशोधन किया जाए। प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षकों की सेवा-सुरक्षा एवं गरिमा को अक्षुण्ण बनाए रखने के रक्षामंत्री से संसद में मुद्दा उठाने का आग्रह किया। संगठन ने अपनी मांगों का विस्तृत ब्यौरा देते हुए पीएम को सम्बोधित एक ज्ञापन भी राघवेंद्र शुक्ला को सौंपा।
अध्यक्ष सुधांशु मोहन के साथ जिला मंत्री वीरेन्द्र सिंह, कोषाध्यक्ष फहीम बेग, नगर अध्यक्ष संदीप सिंह, मलिहाबाद अध्यक्ष अवधेश कुमार, काकोरी अध्यक्ष अजय सिंह, मोहनलालगंज अध्यक्ष आलोक शुक्ला, नगर मंत्री अभय प्रकाश, सरोजनी नगर मंत्री धीरेन्द्र कुमार, गोसाईगंज मंत्री अतीश कुमार, माल मंत्री जितेंद्र कुमार, मोहनलाल गंज मंत्री राम शंकर शुक्ला, चिनहट मंत्री प्रमोद कुमार त्रिपाठी सहित प्रेम कुमार, हसीन अहमद, धीरज सिंह, जगत नारायण, अब्बास रजा जैदी, शैलेन्द्र सिंह, जान्हवी शरण सिंह, अमरेश कुमार व हिमांशु श्रीवास्तव मौजूद रहे।
मोहनलालगंज विधायक अमरेश रावत से मिले शिक्षक नेता
मोहनलालगंज : प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन (पीएसपीएसए) उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों ने गुरुवार को विधायक मोहनलालगंज अम्बरेश रावत को ज्ञापन सौंपा। सीएम को सम्बोधित इस ज्ञापन में शिक्षकों ने सर्वोच्च न्यायालय के 1 सितम्बर 2025 के आदेश का हवाला दिया है। कहा गया है कि जिन शिक्षकों की सेवा 5 वर्ष से अधिक है उन्हें अनिवार्य रूप से 2 वर्षों में टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी, अन्यथा सेवा से अनिवार्य रूप से निवृत्त कर दिया जाएगा। एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष लल्ली सिंह, मंत्री दिवाकर शुक्ल व कोषाध्यक्ष निशा सिंह ने विधायक को बताया कि वर्षों से कार्यरत एवं नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर पद पर आए शिक्षकों में इस आदेश से भय और असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। उन्होंने मांग की कि केंद्र व राज्य सरकार इस फैसले की समीक्षा कर यथास्थिति बहाल करे और एनसीटीई की पूर्व अधिसूचना के अनुसार उन्हें टीईटी से मुक्त रखा जाए।