
भदोही, 11 अक्टूबर 2025:
यूपी के भदोही का ‘कालीन उद्योग’ ट्रंप के टैरिफ के कारण गंभीर संकट से गुजर रहा है। ऐसे में विरासत बचाने के लिए खास कोशिशें करने वाले सीएम योगी खुद आज 11 अक्टूबर से शुरू हो रहे कालीन मेले का थोड़ी देर बाद आगाज करेंगे। व्यापारी उत्सुकता के साथ ये आस बांधे बैठे हैं कि सीएम के हाथों शुरू हो रहा ये मेला इस उद्योग को नया जीवन देने वाला साबित होगा।
बता दें कि यूपी के भदोही जिले का कालीन उद्योग
केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ नहीं, बल्कि लाखों लोगों की आजीविका का आधार है। बुनकरों, डिजाइनरों और कारीगरों की मेहनत से तैयार कालीन पूरी दुनिया में भारतीय हस्तशिल्प की पहचान बने हुए हैं। मगर मौजूदा टैरिफ नीति ने इस पारंपरिक कला को गहरे संकट में डाल दिया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत से आयातित उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद से निर्यात पर गहरा असर पड़ा है। इस फैसले ने न केवल कारोबार की रफ्तार धीमी कर दी है, बल्कि हजारों बुनकरों और मजदूरों की आजीविका भी खतरे में डाल दी है। गत 7 अगस्त को 25 प्रतिशत टैरिफ लागू होने के बाद निर्यातकों ने नुकसान सहते हुए 21 अगस्त तक करीब 1,000 करोड़ रुपये का शिपमेंट किया था। लेकिन इसके बाद हालात और बिगड़ गए। अब 500 करोड़ रुपये से अधिक का माल निर्यातकों के गोदामों में बिना बिके पड़ा है। कई निर्यातक इकाइयां बंद होने की कगार पर हैं, जबकि जो खुली हैं, वे भी सीमित उत्पादन कर रही हैं।
उद्योग से जुड़े जानकारों का कहना है कि टैरिफ में राहत की संभावना फिलहाल बहुत कम है। केंद्र सरकार से भी अब तक कोई ठोस सहयोग नहीं मिला है। ऐसे में निर्यातकों की निगाहें अब 11 अक्टूबर से शुरू हो रहे कालीन मेले पर टिकी हैं। इस मेले को उद्योग के फिर से चमकने की उम्मीद के रूप में देखा जा रहा है। यदि यह आयोजन सफल रहता है, तो इससे नए खरीदार जुड़ सकते हैं और उद्योग में दोबारा रौनक लौट सकती है। संकट के इस दौर में ‘कालीन मेला’ उद्योग के लिए एक बड़ा अवसर है। निर्यातक उम्मीद कर रहे हैं कि यह आयोजन न केवल विदेशी खरीदारों को आकर्षित करेगा, बल्कि उद्योग की साख को भी दोबारा स्थापित करेगा।
अब जानिए मेला की खास बातें
– शुभारंभ – सीएम योगी द्वारा 11 बजे सुबह
– मेला अवधि- 11 से 14 अक्टूबर
– स्थान – कारपेट एक्सपो मार्केट भदोही
– मेले में 67 देशों की भागीदारी
– 200 से अधिक स्टॉल
– 155 – निर्यातक
– 700 से अधिक विदेशी खरीदार और प्रतिनिधि
– संभावना – 500 करोड़ के व्यापार की
कालीन डिज़ाइन प्रतियोगिता – नवोदित डिज़ाइनरों को मंच देने के लिए प्रतियोगिता का आयोजन, विजेताओं को मिलेगा राज्य सरकार से प्रोत्साहन पुरस्कार।
हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों का बाजार – कालीन के साथ-साथ अन्य शिल्प उत्पादों की भी खरीदारी
प्रदर्शनी संगोष्ठियां – वैश्विक कालीन व्यापार में नवाचार, निर्यात की चुनौतियाँ, और पर्यावरण अनुकूल उत्पादन पर चर्चा।
सुरक्षा और सुविधाएं- मेले में आने वाले आगंतुकों के लिए विशेष पार्किंग व्यवस्था, ई-रिक्शा सेवा, स्वास्थ्य केंद्र, और सुरक्षा के व्यापक इंतज़ाम, जिला प्रशासन ने मेला क्षेत्र को नो प्लास्टिक जोन घोषित