
उन्नाव, 18 अक्टूबर 2025:
उन्नाव जिले में 34 करोड़ रुपये की लागत से बना दोस्तीनगर बाईपास महज 10 दिन के भीतर ही क्षतिग्रस्त हो गया है। सड़क पर जगह-जगह गड्ढे और डामर उखड़ने से निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। स्थानीय नागरिकों में नाराजगी है और उन्होंने निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार की आशंका जताई है।
यह बाईपास अग्निशमन प्रशिक्षण केंद्र से लखनऊ-कानपुर हाईवे के दही चौकी तिराहे तक लगभग 9.5 किलोमीटर लंबा और सात मीटर चौड़ा है। इस परियोजना को मेसर्स जितेंद्र सिंह, मेरठ नामक फर्म ने तैयार किया था। सड़क चालू होने के कुछ ही दिनों बाद कई स्थानों पर गड्ढे बन गए, जिससे आवागमन बाधित होने लगा। दो दिन पहले इसी बाईपास पर एक ट्रक गड्ढे में फंसकर पलट गया, जिसके बाद ग्रामीणों ने घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई।
बीते बुधवार को सांसद साक्षी महाराज की अध्यक्षता में हुई दिशा समिति की बैठक में इस मुद्दे को एमएलसी अरुण पाठक ने प्रमुखता से उठाया। उन्होंने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों से पूछा कि “जब रोड बनी थी तो गुणवत्ता मानक क्यों नहीं देखे गए?” इस पर पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड के एक्सईएन हरदयाल अहिरवार ने जवाब देते हुए कहा कि “बारिश का पानी भर जाने से सड़क क्षतिग्रस्त हुई है।” इस पर एमएलसी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इतनी बड़ी परियोजना में मानकों की अनदेखी कैसे हो सकती है।
अब एक्सईएन अहिरवार ने बताया कि ठेकेदार को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है और क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत कार्य तत्काल शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि “यदि जांच में लापरवाही साबित होती है, तो संबंधित संस्था पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
गौरतलब है कि इस परियोजना को वर्ष 2016 में मंजूरी मिली थी, लेकिन वन विभाग की जमीन को लेकर मामला अटका रहा। आखिरकार वर्ष 2024 में काम शुरू हुआ और इस वर्ष अक्टूबर की शुरुआत में सड़क को वाहनों के लिए खोला गया। कुछ ही दिनों में इसके टूटने से प्रशासन पर भी सवाल उठ गए हैं।