
एम.एम. खान
लखनऊ, 18 अक्टूबर 2025:
राजधानी लखनऊ की मोहनलालगंज तहसील में शनिवार को आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस किसानों के हंगामे की भेंट चढ़ गया। तहसील सभागार में किसानों की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) गुट के सैकड़ों किसानों ने जिलाध्यक्ष राजेश रावत की अगुवाई में धरना-प्रदर्शन और नारेबाजी शुरू कर दी, जिससे समाधान दिवस की कार्यवाही बाधित हो गई।
इस दौरान अपनी शिकायतें लेकर आए अन्य फरियादी परेशान नजर आए, जबकि अधिकारी और वादकारी कुछ समय के लिए सभागार से बाहर निकल गए। किसानों ने आरोप लगाया कि डीएपी खाद और सिंचाई के पानी की उपलब्धता न होने से आलू, मटर, टमाटर जैसी रबी फसलों की बुआई प्रभावित हो रही है। उनका कहना है कि समितियों में बिना सदस्यता लिए खाद नहीं दी जा रही, जिससे किसानों को बुआई के लिए जरूरी सामग्री समय पर नहीं मिल पा रही है।
भाकियू (अराजनैतिक) के जिलाध्यक्ष राजेश रावत ने आरोप लगाया कि “अधिकारी किसानों को भ्रमित कर सदस्यता प्रक्रिया के नाम पर उनसे पैसे वसूल रहे हैं। ये किसानों का शोषण है।” उन्होंने कहा कि किसानों ने दस दिन पहले इस समस्या को लेकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि जिन किसानों को भूमि आवंटित की गई थी, उन्हें अब तक न तो संक्रमण दिया गया और न ही कब्जा। वहीं, जिन किसानों ने अपनी जमीन बेच दी, उन्हें कब्जा दे दिया गया है। किसानों का कहना है कि “यह साफ संकेत है कि गरीब किसानों को न्याय मिलना मुश्किल होता जा रहा है।” इसके अलावा किसानों ने उतरावा, रामपुरा, पतौना और कमालपुर विचिलिका के बीच लगभग एक किलोमीटर लंबी जर्जर सड़क, तथा गढ़ी से पड़रिया और कलंदरखेड़ा से मदाखेड़ा तक की टूटी सड़कों की मरम्मत और डामरीकरण की भी मांग उठाई।
किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी समस्याओं का जल्द समाधान नहीं हुआ, तो वे अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे। उन्होंने प्रशासन से स्पष्ट कहा कि “जब तक खाद, पानी और सड़कों की समस्या दूर नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा।”