लखनऊ, 5 नवंबर 2025:
कार्तिक महीना हिंदू धर्म में सबसे पवित्र महीनों में से एक माना जाता है।
मान्यता है कि इस पूरे महीने भगवान विष्णु नारायण रूप में जल में विराजमान रहते हैं, इसलिए इस माह को “धर्म मास” या “पुण्य मास” भी कहा जाता है। कार्तिक के महीने में पूजा-पाठ, दीपदान, और स्नान का खास महत्व होता है, लेकिन इसके साथ-साथ खान-पान से जुड़े कुछ नियम (Food Rules) भी बहुत अहम माने गए हैं। कहा जाता है कि इन नियमों का पालन करने से स्वास्थ्य बेहतर रहता है और लक्ष्मी-नारायण की कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं, Kartik Maas में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए
कार्तिक मास में बैंगन खाने की मनाही
शास्त्रों के अनुसार कार्तिक महीने में बैंगन (Brinjal) नहीं खाना चाहिए। इस महीने में पित्त दोष बढ़ने की संभावना रहती है, और बैंगन पित्त को और बढ़ा सकता है। धार्मिक मान्यता ये भी है कि बैंगन को शुद्ध भोजन (Satvik food) नहीं माना गया है, क्योंकि यह उत्तेजना बढ़ाने वाला होता है। इस महीने में ब्रह्मचर्य और संयम का पालन जरूरी माना जाता है।
दही (Curd) से करें परहेज
कार्तिक मास में दही खाने की भी मनाही बताई गई है। कहा जाता है कि इस दौरान दही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है और संतान के लिए भी शुभ नहीं माना जाता। अगर आपको दही खाना बहुत पसंद है, तो इस महीने दूध (Milk) का सेवन करें। दूध को शुद्ध और सात्त्विक माना गया है।
भूलकर भी न खाएं मछली (Fish)
कार्तिक मास में तामसिक भोजन (Non-Veg Food) पूरी तरह वर्जित है।
धार्मिक कारणों से कहा गया है कि इस महीने भगवान विष्णु जल में मत्स्य अवतार में विराजमान रहते हैं, इसलिए मछली खाना अशुभ माना जाता है।
वैज्ञानिक दृष्टि से भी इस समय जल प्रदूषित (Polluted Water) रहता है, इसलिए मछली खाना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

करेला (Bitter Gourd) का सेवन वर्जित
कार्तिक मास में करेले को नहीं खाने की सलाह दी गई है। यह वातकारक (Gas-forming) माना जाता है, और अक्सर इसमें कीड़े लगने की संभावना भी रहती है। कहा जाता है कि इस महीने करेले का सेवन करने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
मूली (Radish) का सेवन करें
जहां कई चीजें खाने की मनाही है, वहीं कुछ चीजें इस महीने फायदेमंद (Beneficial) मानी गई हैं। मूली का सेवन इस मौसम में बहुत अच्छा माना गया है। इससे कफ और पित्त दोष संतुलित रहते हैं और पाचन तंत्र मजबूत होता है। वैज्ञानिक रूप से भी मूली में कई Natural Nutrients होते हैं, जो शरीर को फिट रखते हैं।
आंवला (Amla) खाने से बढ़ेगा सौभाग्य
कार्तिक महीने में आंवला नवमी (Amla Navami) का पर्व मनाया जाता है।
इस दिन आंवले के वृक्ष और भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है।
आंवला खाने से शरीर में विटामिन C की मात्रा बढ़ती है, जिससे इम्यूनिटी मजबूत होती है।
धार्मिक दृष्टि से भी माना गया है कि आंवला खाने और उसकी पूजा करने से लक्ष्मी-नारायण की कृपा प्राप्त होती है।
तिल (Sesame) का विशेष महत्व
कार्तिक मास में तिल को बहुत शुभ माना गया है। कहा जाता है कि इस महीने भगवान विष्णु को तिल अर्पित करने से सभी कष्ट दूर होते हैं।
साथ ही तिल खाने से शरीर गर्म रहता है और Skin व Bones भी मजबूत होती हैं। आप तिल को खीर, लड्डू या तिलगुल के रूप में खा सकते हैं।
वैज्ञानिक दृष्टि से भी खास हैं कार्तिक मास के Food Rules
कार्तिक मास में खान-पान के नियम सिर्फ धार्मिक मान्यता नहीं हैं, बल्कि इनके पीछे वैज्ञानिक कारण (Scientific Reasons) भी छिपे हैं। इस समय मौसम बदलता है, जिससे पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है। ऐसे में हल्का, सात्त्विक और पवित्र भोजन करना ही सबसे बेहतर माना गया है। अगर आप भी इस कार्तिक मास में इन Food Rules का पालन करते हैं, तो न केवल आपको भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा मिलेगी, बल्कि आपका स्वास्थ्य और मन भी प्रसन्न रहेगा।






