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हिमालय की आत्मा का उत्सव : उत्तराखंड की रजत जयंती पर CM धामी का कलाकारों के लिए बड़ा ऐलान

वृद्ध एवं आर्थिक रूप से कमजोर कलाकारों और लेखकों की मासिक पेंशन 3000 से बढ़ाकर 6000 रुपये की, बोले... रजत जयंती उत्सव ही नहीं बल्कि आत्ममंथन और नए संकल्प का अवसर

देहरादून, 8 नवंबर 2025:

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर शनिवार को देहरादून के हिमालयन संस्कृति केंद्र में आयोजित ‘हिमालय निनाद उत्सव-2025’ में शिरकत की। उन्होंने प्रदेशभर से आए कलाकारों और साहित्यकारों का उत्साहवर्धन करते हुए उनके हित में चार महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।

सीएम धामी ने कहा कि अपना जीवन कला, संस्कृति और साहित्य को समर्पित करने वाले वृद्ध एवं आर्थिक रूप से कमजोर कलाकारों और लेखकों की मासिक पेंशन 3000 से बढ़ाकर 6000 रुपये की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह निर्णय उन रचनाकारों के प्रति राज्य सरकार की कृतज्ञता का प्रतीक है, जिन्होंने उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखा।

सीएम धामी ने कहा कि हिमालय निनाद केवल एक सांस्कृतिक समारोह नहीं, बल्कि यह हिमालय की आत्मा, उसकी विविध परंपराओं, लोक धुनों और साझा चेतना का उत्सव है। उत्तराखंड की स्थापना के 25 वर्ष हमारे संघर्ष, विकास और स्वाभिमान की कहानी कहते हैं। यह रजत जयंती न सिर्फ उत्सव का, बल्कि आत्ममंथन और नए संकल्प का अवसर है।

उन्होंने आगे कहा कि ‘निनाद–2025’ में आयोजित हिमालय में रंगमंच, उत्तराखंड का सिनेमा और समाज, लोकभाषा और संस्कृति, नंदा राजजात, हिमालयी खानपान व विरासत जैसी चर्चाएं यह सिद्ध करती हैं कि उत्तराखंड की संस्कृति परंपरा के साथ-साथ नवाचार में भी जीवंत है।

मुख्यमंत्री ने राज्य आंदोलन के संघर्ष में योगदान देने वाले अमर वीरों को नमन करते हुए कहा कि उनके बलिदान और जनसमर्पण ने हमें यह राज्य दिलाया है। उनकी स्मृति नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

इस अवसर पर राज्यसभा सांसद एवं पद्म विभूषण शास्त्रीय नृत्यांगना सोनल मानसिंह, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, संस्कृत साहित्य एवं कला परिषद की उपाध्यक्ष मधु भट्ट, संस्कृति सचिव युगल किशोर पंत सहित तमाम लोग उपस्थित थे।

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