लखनऊ, 9 नवंबर 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ के एक नामी स्कूल के खेल उत्सव में आईं ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और देश की स्टार पहलवान साक्षी मलिक ने एक बार फिर भारतीय कुश्ती संघ की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।उन्होंने कहा कि आज भी भारतीय पहलवानों के सामने वही पुरानी चुनौतियां हैं, जो हमारे समय में थीं। फेडरेशन की प्लानिंग में खामियां अब भी बनी हुई हैं। जब तक सुधार नहीं होगा, बेहतर नतीजे आना मुश्किल है।
पति सत्यव्रत कादियान के साथ कार्यक्रम में पहुंचीं साक्षी ने कहा कि भारतीय कुश्ती को फिर से ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए नए सिरे से ठोस काम करने की जरूरत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एक दिन फिर भारतीय कुश्ती का डंका दुनिया भर में बजेगा।
लखनऊ से अपने पुराने रिश्ते को याद करते हुए साक्षी ने बताया कि उन्होंने साई सेंटर लखनऊ में लंबे समय तक ट्रेनिंग की है। उन्होंने कहा कि यहां बिताया अनुशासित जीवन और ट्रेनिंग के दिनों की खट्टी-मीठी यादें आज भी ताजा हैं।
साक्षी ने कहा कि भले ही उन्होंने खिलाड़ी के रूप में संन्यास ले लिया हो, लेकिन वे आज भी कुश्ती से पूरी तरह जुड़ी हुई हैं। शादी के बाद उन्होंने रोहतक में अपने अखाड़े में युवा पहलवानों को ट्रेनिंग देना शुरू किया है। हमारे अखाड़े से कई खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं, और मैं चाहती हूं कि यह सिलसिला ऐसे ही जारी रहे।
पिछले साल नवंबर में बेटी को जन्म देने वाली साक्षी ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी का नाम जापान की दिग्गज पहलवान साओरी योशिदा के नाम पर ‘योशिदा’ रखा है। साक्षी ने मुस्कुराते हुए कहा… मैं चाहती हूं कि बेटी भी खेलों से जुड़ी रहे, लेकिन उस पर कोई दबाव नहीं डालूंगी। खेल अनुशासन सिखाते हैं, जो जीवन को बेहतर बनाता है
साक्षी ने अभिभावकों से भी अपील की कि वे बच्चों को खेलों में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। साथ ही, उन्होंने युवाओं को मोबाइल और गैजेट्स से दूरी बनाकर एकाग्रता बनाए रखने की सलाह दी। कहा कि जब तक एकाग्रता नहीं होगी, सफलता की राह मुश्किल रहेगी।
लखनऊ के खेल समारोह में साक्षी मलिक ने पुराने दिनों की यादें ताजा करते हुए कुश्ती संघ पर निशाना साधा, सुधार की जरूरत बताई और अगली पीढ़ी को खेलों से जुड़ने की प्रेरणा दी।






