लखनऊ, 15 नवंबर 2025:
लखनऊ विश्वविद्यालय शनिवार को छात्रों के विरोध- प्रदर्शन का केंद्र बना रहा। NSUI, समाजवादी छात्र सभा, BAPSA सहित कई छात्र संगठनों ने चीफ प्रॉक्टर कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। छात्रों ने टैगोर लाइब्रेरी से चीफ प्रॉक्टर ऑफिस तक मार्च निकाला और करीब दो घंटे तक कार्यालय के बाहर बैठकर नारेबाजी करते रहे।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने एक असिस्टेंट प्रोफेसर पर चेकिंग के दौरान शोध छात्र को थप्पड़ मारने का आरोप लगाया। छात्रों के अनुसार यह घटना उन पर नकारात्मक और भय पैदा करने वाला असर डाल रही है। अधिकारियों ने छात्रों को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन छात्र पीछे हटने को तैयार नहीं थे। छात्र सभा के विद्यार्थियों ने प्रशासनिक भवन और कुलपति कार्यालय का घेराव कर दिया।
छात्रों ने कैंपस में बड़ी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी पर भी सवाल उठाया। उनका कहना है कि कैंपस को भयमुक्त बनाना प्रशासन की जिम्मेदारी है, लेकिन प्रॉक्टर और कुछ प्रोफेसर 20-25 पुलिसकर्मियों के साथ रील बनाकर दिखावा कर रहे हैं, जिससे पढ़ाई का माहौल खराब हो रहा है।
छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रॉक्टोरियल टीम छात्रों के साथ मारपीट कर रही है। शोध छात्र को असिस्टेंट प्रोफेसर द्वारा थप्पड़ मारे जाने ने पूरे कैंपस में नाराजगी फैला दी है। छात्र संगठनों ने हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर राहुल पांडेय का नाम लेते हुए कहा कि वे पहले भी ऐसी घटनाओं में शामिल रहे हैं।
छात्रों की मांग है कि वे सामने आकर माफी मांगे और प्रॉक्टोरियल बोर्ड के जिम्मेदार सदस्य इस्तीफा दें, नहीं तो आंदोलन जारी रहेगा। छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय शिक्षा के मंदिर से गुंडागर्दी का अड्डा बनता जा रहा है। इस माहौल को सुधारने की जिम्मेदारी पूरी तरह प्रशासन की है।






