बाराबंकी, 19 नवंबर 2025:
महादेवा महोत्सव के दूसरे दिन सांस्कृतिक मंच पर बच्चों, लोक कलाकारों और भजन गायकों ने कार्यक्रम प्रस्तुत किए। भजन, नृत्य और लोककला की विविधता से भरी प्रस्तुतियों में बच्चों से लेकर अनुभवी कलाकारों तक ने अपनी सहभागिता दर्ज की।

शुरुआत में रामनगर पीजी कॉलेज की टीम के शिवा मिश्र ने ‘कैलाश के निवासी नमो बार-बार हो’ की प्रस्तुति दी। कस्तूरबा गांधी विद्यालय गणेशपुर की छात्राओं ने शिव तांडव और विजयी भव पर नृत्य किया। कस्तूरबा विद्यालय सूरतगंज की छात्राओं पायल, अर्चना, प्रियांकी, राधा, मंजू, महक और सुधा ने राजस्थानी गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया। प्राथमिक विद्यालय सिरकौली के बच्चों ने आरंभ है प्रचंड पर कार्यक्रम दिया। उच्च प्राथमिक विद्यालय सिरकौली की अंशिका और सपना ने ए वतन ए वतन पर नृत्य किया।

बीपीएन विद्यालय की अनुष्का, आरुषी, नित्या, स्वस्तिका, वेदिका और प्रतिमान ने देशभक्ति गीतों पर अपनी प्रस्तुति दी। प्राथमिक विद्यालय सिरकौली की अंशिका यादव और अजय शेखर ने फिर भी दिल है हिंदुस्तानी पर नृत्य किया। एसबीपीएम विद्यालय के बच्चों ने शिवाजी पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिनमें ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा भी शामिल था। प्राथमिक विद्यालय त्रिलोकपुर की छात्राओं ने शिव विवाहोत्सव नृत्य नाटिका पेश की। कटियारा विद्यालय के बच्चों ने घर की रोशनी विषयक नुक्कड़ नाटक तो मोहड़वा विद्यालय की छात्राओं ने ओ री चिरैया और मोहरी विद्यालय की छात्राओं ने राधा कैसे न जले गीत पर प्रस्तुति दी। कांति महाविद्यालय के जतिन नाग ने शिव तांडव प्रस्तुत किया।
दोपहर बाद लोक गायिका अर्चना मिश्रा ने हे री सखी मंगल गाओ री, अरे द्वारपालो कन्हैया से कह दो, ओ भोलेनाथ ओ भोलेनाथ सहित कई भजन प्रस्तुत किए। इसके बाद ग्रामीण कठपुतली दल ने स्वच्छता पर आधारित प्रस्तुति पेश की। झुमका गिरा रे, छोड़ दो कलाई राधा की और तेरे द्वार पे आया शंभू जैसे गीतों पर कठपुतली नृत्य हुआ। कलाकार सिद्धार्थ कनौजिया, मनीष कनौजिया, कपिल और पंकज दल में शामिल रहें।

शाम को पर्णिका श्रीवास्तव और उनके समूह ने गंगा अवतरण कथक नृत्य नाटिका प्रस्तुत की। इसमें पर्णिका ने गंगा, अभिजीत ने शिव और अंश पांडे ने कपिल मुनि व भगीरथ की भूमिका निभाई। रितिका मिश्रा, अनुराधा और जया ने समूह नृत्य से मंच की गरिमा बढ़ाई। रात में जवाबी कीर्तन का आयोजन हुआ जिसमें कानपुर के कीर्तनकार सचदेवा शरारती और छतरपुर की भजन गायिका नीलम विश्वकर्मा ने अपनी प्रस्तुतियाँ दीं। सचदेवा शरारती ने सरस्वती वंदना और शिव स्तुति प्रस्तुत की, जबकि नीलम विश्वकर्मा ने भक्ति आधारित भजनों से उत्तर दिया।






