लखनऊ, 19 नवंबर 2025 :
कभी नई दिल्ली के एयर फ़ोर्स म्यूज़ियम में खड़े होकर चमकते जहाज़ों को बड़ी-बड़ी आँखों से निहारती वो नन्ही बच्ची… आज उन्हीं आसमानों की मालकिन बन चुकी है। यूपी के एक साधारण से घर में पली-बढ़ी उस लड़की ने जब पहली बार किसी विमान को छुआ, तभी शायद किस्मत ने फुसफुसाकर कह दिया था-“एक दिन यही तुम्हारी उड़ान बनेगी।” आज सालों बाद वह देश की करोड़ों बेटियों की उम्मीद बन चुकी है। यह कहानी है राफेल उड़ाने वाली भारत की पहली महिला पायलट शिवांगी सिंह की।
बचपन का सपना और उड़ान की शुरुआत
उत्तर प्रदेश के वाराणसी की रहने वाली शिवांगी सिंह बचपन में दिल्ली के एयर फोर्स म्यूजियम गई थीं। वहां चमकते हुए जहाजों को देखकर उन्हें उड़ान का ऐसा शौक हुआ कि मन में बस एक ही ख्वाहिश रह गई कि बड़े होकर पायलट बनना है। शिवांगी ने BHU से पढ़ाई की और फिर एनसीसी एयर विंग से जुड़कर अपने सपने की दिशा तय की। इसके बाद उन्होंने हैदराबाद की एयर फोर्स एकैडमी में ट्रेनिंग ली और 2017 में वायुसेना की दूसरी महिला फाइटर पायलट बैच में शामिल हुईं।

MiG से शुरुआत और राफेल तक का सफर
शिवांगी ने अपना करियर MiG 21 Bison जैसे तेज और चुनौतीपूर्ण विमान से शुरू किया। उड़ान के प्रति उनके आत्मविश्वास और मेहनत ने उन्हें एक नई पहचान दी। 2020 में वे भारत की पहली महिला बनीं जिन्होंने राफेल जैसे एडवांस फाइटर जेट को उड़ाया। आज वे 17 स्क्वाड्रन Golden Arrows में तैनात हैं।
सीमाओं पर सेवा और अंतरराष्ट्रीय अभ्यास
शिवांगी ने देश की कई बड़ी सैन्य गतिविधियों में हिस्सा लिया है। उन्होंने फ्रांस में हुए Orion 2023 जैसे अंतरराष्ट्रीय अभ्यासों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा पूर्वी लद्दाख और लाइन ऑफ कंट्रोल जैसे संवेदनशील इलाकों में भी वे मिशन पर गई हैं। देश की सुरक्षा में उनका योगदान लगातार बढ़ता रहा है।
पाकिस्तान का झूठा दावा और सच का सामने आना
मई में ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने सोशल मीडिया पर एक झूठ फैलाया कि भारत का एक राफेल विमान गिरा दिया गया है और उसकी महिला पायलट यानी शिवांगी सिंह को पकड़ लिया गया है। यह खबर तेजी से वायरल हुई, लेकिन पूरी तरह झूठी थी। जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के साथ शिवांगी की ताज़ा और मुस्कुराती हुई तस्वीर ने पाकिस्तान के इस फर्जी दावे पर पूरी तरह से पर्दा डाल दिया।
भारत की फैक्ट चेक यूनिट की पुष्टि
भारत सरकार की फैक्ट चेक यूनिट ने उसी समय साफ कहा था कि ये सभी दावे गलत हैं। शिवांगी सिंह सुरक्षित हैं और ड्यूटी पर हैं। भारतीय वायुसेना ने भी इसकी पुष्टि की थी। शिवांगी को ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्धमान ने ट्रेनिंग दी थी। वही अभिनंदन जो पाकिस्तान में बंदी बने थे और फिर देश में हीरो बनकर लौटे थे।
भारतीय वायुसेना में बढ़ रही है महिलाओं की ताकत
सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2023 में भारतीय वायुसेना में 1,600 से ज्यादा महिला अधिकारी तैनात थीं, जिनमें कई महिलाएं फाइटर पायलट के रूप में देश की रक्षा कर रही हैं।
आज की शिवांगी एक प्रेरणा
नन्ही उम्र में जहाज को छूकर पायलट बनने का सपना देखने वाली शिवांगी आज उन करोड़ों बेटियों की प्रेरणा बन चुकी हैं जो आसमान में अपने सपनों को उड़ते देखना चाहती हैं। उनकी कहानी बताती है कि अगर हौसला और मेहनत हो तो कोई भी सपने से बड़ा नहीं होता।






