लखनऊ, 22 नवंबर 2025 :
उत्तर प्रदेश के गांवों में जमीन से जुड़े काम अब और आसान होने वाले हैं। क्योंकि राज्य सरकार गांवों की हर जमीन का नक्शा ऑनलाइन करने की तैयारी में है। खास बात यह है कि यह नक्शा सैटेलाइट की मदद से बनाया जाएगा ताकि कोई भी व्यक्ति अपने घर या खेत तक सिर्फ मैप खोलकर पहुंच सके। बस गाटा संख्या या घर का नंबर पता होना चाहिए।

हर खेत और हर घर को मिलेगा यूनिक टैग
प्रदेश की 57694 ग्राम पंचायतों और एक लाख से ज्यादा राजस्व गांवों का पूरा नक्शा अब डिजिटल फॉर्म में बनाया जाएगा। अभी तक ये नक्शे लेखपालों के पास होते थे लेकिन अब सैटेलाइट इमेज से हर घर और हर खेत को टैग किया जाएगा। शुरुआती परीक्षण में 15 से 30 सेंटीमीटर तक की एक्युरेसी देखी गई है जो काफी सटीक मानी जा रही है।
सीमा विवाद होंगे खत्म
अक्सर दो गांवों की सीमा को लेकर जो विवाद होते हैं वे अब खत्म होने की उम्मीद है। क्योंकि ऑनलाइन मैप में गांव की पूरी सीमा साफ नजर आएगी। इसमें हर गाटा संख्या और उसका रकबा भी दिखाई देगा। इससे किसानों को जमीन की जानकारी एक क्लिक में मिल सकेगी।
देश में पहली बार बड़े स्तर पर लागू होगा सिस्टम
कर्नाटक में यह सुविधा आंशिक रूप से चल रही है लेकिन बड़े पैमाने पर इस तकनीक को अपनाने वाला यूपी देश का पहला राज्य बनेगा। राजस्व परिषद ऑनलाइन मैपिंग का काम शुरू कर चुकी है और इसे तेजी से पूरा किया जा रहा है।
आम जनता के लिए आएगा खास एप
राजस्व परिषद के मुताबिक आम लोगों के लिए एक खास मोबाइल एप भी बनाया जा रहा है। इस एप में लोग अपने गांव का नक्शा, खेत की लोकेशन और घर का टैग आसानी से देख सकेंगे। राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि अगले तीन से चार महीने में यह पूरी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। यूपी में यह नई सुविधा न सिर्फ जमीन से जुड़े विवाद कम करेगी बल्कि ग्रामीणों को डिजिटल मैपिंग की आधुनिक सुविधा भी उपलब्ध कराएगी।






