प्रयागराज, 22 नवंबर 2025:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आगामी माघ मेला में कल्पवासियों, संतों और श्रद्धालुओं को बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए AI कैमरों और उच्च क्षमता वाले निगरानी उपकरणों की तैनाती की जाएगी। इस बार पहली बार माघ मेला में टेंट सिटी बसाई जा रही है, जिसमें 200 कैंप होंगे। अब तक टेंट सिटी केवल कुंभ और महाकुंभ में ही लगती थी।

मुख्यमंत्री ने संगम पर गंगा पूजन और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आरती कर माघ मेला के सफल आयोजन की कामना की। उन्होंने प्रवासी पक्षियों को दाना खिलाया। लेटे हुए हनुमान जी की पूजा अर्चना की। इसके बाद प्रयागराज मेला प्राधिकरण के सभागार में अधिकारियों के साथ तैयारियों की समीक्षा बैठक की। मीडिया से बातचीत में CM योगी ने बताया कि माघ मेला-2026 की तैयारी प्रारंभ हो चुकी है। यहां की टीम के सामने ‘महाकुम्भ-2025’ का अनुभव है। इस बार माघ मेला के लिए भी उस प्रकार की व्यवस्था हम लोग देने का प्रयास कर रहे हैं।
योगी ने कहा कि लगभग डेढ़ महीने के दौरान प्रयागराज में 12 से 15 करोड़ लोग संगम पर स्नान करेंगे, जिसमें कल्पवासी भी हैं। सिंचाई विभाग यहां पर जल की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा। नमामि गंगे को जल की शुद्धता बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा सभी विभागों को उनकी जिम्मेदारियां दे दी गई हैं। गंगा में कटान रोकने और जल उपलब्धता सुनिश्चित करने का कार्य सिंचाई विभाग को सौंपा गया है, जबकि शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना जल निगम की जिम्मेदारी होगी।
मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 20-20 बेड वाले दो अस्पताल बनाए जा रहे हैं। साथ ही 12 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, एक वेक्टर कंट्रोल यूनिट, पांच आयुर्वेदिक और पांच होम्योपैथिक चिकित्सालय स्थापित होंगे। 50 एंबुलेंस भी तैनात की जाएंगी।नगर विकास विभाग की ओर से पर्याप्त शौचालय, स्ट्रीट लाइट और सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। मेले में 25 हजार शौचालय, 8 हजार डस्टबिन और 3 हजार सफाई कर्मचारी तैनात रहेंगे। सात सेक्टरों में बसे मेला क्षेत्र के लिए 42 स्थानों पर पार्किंग की सुविधा विकसित की जा रही है।
सुरक्षा व्यवस्था के तहत मेला क्षेत्र में 17 थाने, 42 पुलिस चौकियां, 20 फायर टेंडर और अग्निशमन केंद्र स्थापित किए जाएंगे। करीब 400 AI कैमरों से क्राउड मैनेजमेंट, क्लाउड डेंसिटी विश्लेषण और घटना रिपोर्टिंग की जाएगी। यातायात और भीड़ नियंत्रण के लिए अंतरजनपदीय और अंतरराज्यीय योजना भी तैयार की जा रही है। श्रद्धालुओं की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए परिवहन निगम की 3800 बसें माघ मेला के दौरान सेवाएं देंगी।






