लखनऊ, 5 दिसंबर 2025:
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 6 दिसंबर को प्रस्तावित डॉ. भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस कार्यक्रम को पुलिस प्रशासन द्वारा रद्द किए जाने से सपा ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है। सपा प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल, मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी और सांसद आर.के. चौधरी ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यह निर्णय भाजपा सरकार के तानाशाही रवैये और दलित विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
अम्बेडकर वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिठाई लाल भारती ने भी बताया कि यह कार्यक्रम लंबे समय से तय था और इसमें सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी शामिल होने वाले थे। लेकिन भाजपा सरकार के इशारे पर इसे रद्द कर दिया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब दलितों, गरीबों और वंचितों के भगवान हैं, और उनका ही कार्यक्रम रोका जाना भाजपा की मानसिकता को उजागर करता है।
सपा नेताओं ने कहा कि भाजपा शुरू से ही संविधान और आरक्षण के खिलाफ रही है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने 400 सीटें संविधान बदलने के लिए मांगी थीं, मगर जनता ने जवाब देते हुए उन्हें अयोध्या में भी हरा दिया।
राजेंद्र चौधरी ने कहा कि आरएसएस कभी बाबा साहब को नहीं मानती रही और अब उनकी विचारधारा प्रदेश में थोपने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा संगोल जैसे राजतांत्रिक प्रतीक को बढ़ावा देकर लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करना चाहती है।
अम्बेडकर वाहिनी के अध्यक्ष भारती ने कहा कि आज दलित और वंचित समाज सपा के साथ एकजुट हो रहा है, जिससे भाजपा घबराई हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि लखनऊ में बाबा साहब की मूर्तियाँ तोड़ी जा रही हैं और SIR प्रक्रिया के नाम पर दलित वोटों को प्रभावित करने की साजिश की जा रही है।
उन्होंने कहा, बाबा साहब ने हमें संविधान दिया, अधिकार दिए। आज हम शिक्षा पा रहे हैं, नौकरी कर रहे हैं यह सब उनकी वजह से है। लेकिन भाजपा उनके आरक्षण और संविधान को खत्म करने की कोशिश कर रही है। सपा अध्यक्ष श्यामलाल पाल ने कहा कि 6 दिसंबर पार्टी के लिए बेहद महत्वपूर्ण तारीख है। जो समता, लोकतंत्र और बराबरी चाहते हैं, उनके लिए यह दिन विशेष है।
उन्होंने घोषणा की कि एलडीए ने परमिशन दी थी फिर भी कार्यक्रम रद्द किए जाने के बावजूद सपा और अम्बेडकर वाहिनी 6 दिसंबर को शांतिपूर्ण तरीके से बाबा साहब को श्रद्धांजलि अर्पित करेगी और सरकार से यह भी पूछा जाएगा कि आखिर कार्यक्रम रद्द करने की मजबूरी क्या थी। सपा नेताओं ने कहा कि पार्टी बाबा साहब अंबेडकर के सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां दलित, वंचित, पिछड़े और सभी कमजोर वर्गों को बराबरी का हक मिले। सपा नेताओं ने भाजपा को चेताया कि दमन की राजनीति से वे पीछे हटने वाले नहीं हैं, बल्कि घर-घर जाकर भाजपा की सच्चाई लोगों के सामने रखेंगे।






