लखनऊ, 8 दिसंबर 2025:
कोडीनयुक्त कफ सिरप तस्करी मामले में STF के बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह की गिरफ्तारी के बाद अब उसके नेटवर्क से जुड़े लोगों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। ताजा कार्रवाई में लखनऊ मॉडल जेल में तैनात वार्डर महेंद्र प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया है। महेंद्र के आलोक सिंह व सिरप कांड से जुड़े अन्य आरोपियों से गहरे संबंध सामने आए। इसके बाद डीजी जेल पीसी मीणा के निर्देश पर महेंद्र को सस्पेंड किया गया।
जेल प्रशासन ने निलंबन आदेश को आरोपी वार्डर के घर पर चस्पा कर दिया है। कार्रवाई के बाद विभाग में खलबली मची हुई है, क्योंकि यह पहला मौका है जब जेल स्टाफ के भीतर से किसी पर कोडीन रैकेट को संरक्षित करने का आरोप लगा हो।
अंबेडकरनगर निवासी महेंद्र प्रताप सिंह आदर्श कारागार (मॉडल जेल) में तैनात था। सूत्र बताते हैं कि महेंद्र का एक पूर्व सांसद से घनिष्ठ संबंध रहा है। वहीं, उसका नाता STF से बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह से भी काफी मजबूत पाया गया। आलोक इस समय मॉडल जेल से सटी जिला जेल में बंद है।

स्थिति तब गंभीर हो गई जब शनिवार शाम सोशल मीडिया पर महेंद्र की सिरप कांड के मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल के साथ फोटो और वीडियो वायरल होने लगे। मामले का संज्ञान लेते हुए डीजी जेल ने तुरंत रिपोर्ट मांगी और कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद वरिष्ठ अधीक्षक शशिकांत सिंह ने देर रात महेंद्र प्रताप को निलंबित कर दिया।
आरोप हैं कि महेंद्र की पत्नी के बैंक खाते में बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह द्वारा लाखों रुपये ट्रांसफर किए गए। इसके साथ ही यह भी सामने आया कि आरोपी गिरोह द्वारा प्रयुक्त 9777 सीरीज की लग्जरी सफेद SUV का उपयोग महेंद्र से जुड़ा हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि जेल वार्डर का कोडीन सिंडिकेट से संपर्क और संभावित सहायता को लेकर गंभीर संदेह है जिसकी विस्तृत जांच जारी है।
महेंद्र प्रताप पर पहले भी बाहुबलियों से निकटता के आरोप लग चुके हैं। उन्नाव जिला जेल में तैनाती के दौरान वह पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का खास माना जाता था। सेंगर की गिरफ्तारी के बाद महेंद्र का निकट संबंध पूर्वांचल के एक पूर्व सांसद से बढ़ा बताया जाता है।
इस पूरे प्रकरण ने राजनीतिक सरगर्मी भी बढ़ा दी है। सहारनपुर में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को टिप्पणी की कि कफ सिरप माफिया पर सरकार ने अभी तक बुलडोजर क्यों नहीं चलाया?
ED ने तेज की मनी ट्रेल की जांच, सिंडिकेट की जड़ों पर प्रहार की तैयारी
इधर, छह राज्यों में फैले नशीले कफ सिरप सिंडिकेट की जड़ों पर प्रहार करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जांच और तेज कर दी है। ED ने सिरप उत्पादन से लेकर वितरण तक जुड़े स्टॉकिस्ट, ट्रांसपोर्ट कंपनियों और मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल, विभोर राणा, विशाल सिंह, आसिफ और वसीम का पूरा ब्योरा जुटा लिया है। इन्हें जल्द ही समन भेजकर तलब किया जाएगा। साथ ही एक माफिया और उसके करीबियों की कंपनियों का वित्तीय ऑडिट भी किया जा रहा है क्योंकि एजेंसी को संदिग्ध प्रोटेक्शन मनी लेनदेन का संदेह है। जांच एजेंसियों के बढ़ते दबाव के साथ कोडीनयुक्त कफ सिरप तस्करी का यह नेटवर्क अब तेजी से उजागर होता दिख रहा है।






