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UP में रोड सेफ्टी को नई रफ्तार : इंटीग्रेटेड ई-चालान सिस्टम से बदलेगी ट्रैफिक व्यवस्था

पहले चरण में 17 जिलों में ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग के चालानों को एकीकृत कर ई-चालान पोर्टल से जोड़ा गया, एक्सीडेंट डेटा कलेक्शन के लिए विकसित होगा ऑनलाइन डैशबोर्ड

लखनऊ, 8 दिसंबर 2025:

यूपी में सड़क सुरक्षा को मजबूत बनाने और बढ़ते सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने एक व्यापक और तकनीक आधारित अभियान शुरू किया है। ट्रैफिक पुलिस, परिवहन विभाग और यातायात निदेशालय के संयुक्त प्रयासों से राज्य में ई-चालान व्यवस्था को तेजी से आधुनिक रूप दिया जा रहा है। नई पहल चालान प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के साथ वाहन संबंधी डेटा, दुर्घटना विश्लेषण और बीमा प्रणाली को भी एक मंच पर लाकर सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाएगी।

मुख्य सचिव की हालिया बैठक में नई कार्ययोजना को मंजूरी मिलने के बाद प्रदेशभर में ई-चालान इंटीग्रेशन का काम युद्धस्तर पर शुरू हो गया है। पहले चरण में 17 जिलों में ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग के चालानों को एकीकृत कर ई-चालान पोर्टल से जोड़ दिया गया है। शेष जिलों में यह प्रक्रिया शीघ्र पूरी होने वाली है। इससे जहां चालानों की ट्रैकिंग बेहद आसान होगी, वहीं नियमों का बार-बार उल्लंघन करने वाले वाहन मालिकों पर तत्काल और सटीक कार्रवाई संभव हो सकेगी।

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परिवहन विभाग ने सारथी पोर्टल पर ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े सभी चालानों के इंटीग्रेशन का काम पूरा कर लिया है। इसके साथ ही वाहन और सारथी एप्स, ई-डार, आई-रैड और ई-चालान पोर्टलों को एक AI-आधारित प्लेटफॉर्म से जोड़ने की तैयारी भी चल रही है। यह प्लेटफॉर्म दुर्घटना डेटा के संग्रहण और विश्लेषण के लिए एक केंद्रीकृत ऑनलाइन डैशबोर्ड भी प्रदान करेगा। सभी जिलों में ई-डार और आई-रैड ऐप के जरिए हादसे और चालान संबंधी डेटा अपलोड किया जा रहा है। इससे रिपोर्ट के आधार पर सुधारात्मक कदम तुरंत उठाए जा सकें।

सड़क सुरक्षा सुधारों की दिशा में एक और अहम कदम वाहन बीमा को ई-चालान प्रणाली से जोड़ने का है। प्रस्तावित योजना के तहत यदि किसी वाहन पर पांच से अधिक चालान होंगे तो बीमा प्रीमियम बढ़ाया जा सकता है। इससे लापरवाह ड्राइविंग पर रोक लगेगी और सड़क सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा। बीमा कंपनियों ने इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है। हालांकि प्रीमियम दरों में अंतिम निर्णय आईआरडीएआई के माध्यम से लिया जाएगा।

ट्रैफिक पुलिस और प्रवर्तन दलों को भी अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से लैस किया जा रहा है। इससे मौके पर चालान कार्यवाही तेज, सटीक और तकनीक आधारित हो सके। प्रदेश सरकार का मानना है कि इन प्रयासों से सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आएगी और यातायात व्यवस्था पहले की तुलना में अधिक सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनेगी।

सीएम योगी के मार्गदर्शन में चल रहा यह अभियान यूपी को सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सरकार का दावा है कि तकनीक, विश्लेषण और बेहतर प्रवर्तन का यह मिश्रण आने वाले समय में सड़क दुर्घटनाओं के खतरों को काफी हद तक कम कर देगा और यातायात प्रबंधन को एक नई दिशा प्रदान करेगा।

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