लखनऊ, 9 दिसंबर 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ में मंगलवार को राष्ट्रीय हिंदू रक्षा परिषद (RHRP) ने केडी सिंह बाबू स्टेडियम से जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा तक एक मार्च निकालकर धार्मिक आस्था, परंपराओं के सम्मान और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर अपनी मांगें सरकार के सामने रखीं। यात्रा के समापन पर परिषद की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा गया। उसमें चार प्रमुख मुद्दों के समाधान की पहल की बात कही गई।
इन मांगों में धार्मिक स्थलों एवं देवी-देवताओं से जुड़ी आपत्तिजनक टिप्पणियों पर सख्त कार्रवाई, सनातन परंपराओं का संरक्षण, जातीय आधार पर की जाने वाली अभद्र टिप्पणियों के खिलाफ कानूनी कदम तथा गौ-सुरक्षा के लिए विशेष प्रोटोकॉल तैयार करने की मांग शामिल है।

इसके साथ ही संगठन ने लखनऊ का नाम बदलकर ‘लखनपुरी’ करने की मांग भी दोहराई। परिषद के प्रतिनिधियों ने कहा कि यह मांग कई वर्षों से उठाई जा रही है। अब इसे लागू करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। मार्च में प्रतिभागियों ने भगवा और तिरंगा झंडे के साथ उपस्थित होकर अपना समर्थन जताया।
यात्रा के दौरान परिषद के मुकेश दुबे ने कहा कि धार्मिक भावनाओं से जुड़े मुद्दों पर लगातार आपत्तिजनक सामग्री और टिप्पणियां देखने को मिलती हैं। उन पर कड़ी रोक की जरूरत है। उनका कहना था कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मौजूद अभद्र टिप्पणियों या अपमानजनक पोस्ट पर प्रशासन को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जातिगत टिप्पणी या विभाजनकारी भाषण देने वालों पर कार्रवाई सुनिश्चित हो।
मुकेश दुबे ने साथ ही यह भी कहा कि देवी–देवताओं के नाम पर बिकने वाले खाद्य पदार्थों या उत्पादों को लेकर एक स्पष्ट नियम बनाया जाए जिससे आस्था के प्रति सम्मान बना रहे। परिषद ने इस मुद्दे पर भी सरकार का ध्यान आकर्षित किया।
मार्च में शामिल परिषद के एक अन्य प्रतिनिधि ने कहा कि धार्मिक स्थलों से जुड़े विवादित निर्माणों को लेकर समाज में तनाव की स्थिति नहीं बनने दी जानी चाहिए और प्रशासन को ऐसी परिस्थितियों में पारदर्शी व शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि परिषद की सभी मांगें आस्था और सामाजिक सद्भाव के दृष्टिकोण से रखी गई हैं। संगठन चाहता है कि प्रदेश में धार्मिक सम्मान व सामाजिक शांति का माहौल मजबूत हो।
परिषद ने घोषणा की कि आने वाले दिनों में वह विभिन्न जिलों में भी जन-जागरूकता कार्यक्रम चलाएगी ताकि धार्मिक आस्था और पारंपरिक मूल्यों के सम्मान के प्रति समाज में सकारात्मक समझ विकसित हो सके।






