देहरादून, 11 दिसंबर 2025:
उत्तराखंड में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को वन विभाग की विस्तृत समीक्षा बैठक में कई कड़े और महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि मानव जीवन की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसलिए वन विभाग और जिला प्रशासन को समन्वित व तेज प्रतिक्रिया व्यवस्था विकसित करनी होगी।
सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की त्वरित प्रतिक्रिया टीम अधिकतम 30 मिनट के भीतर मौके पर पहुंचे। इसके लिए संबंधित डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) और रेंजर स्तर तक जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसी क्रम में पौड़ी जिले में लगातार बढ़ रही ऐसी घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री ने वहां के डीएफओ को तत्काल प्रभाव से हटाने के आदेश जारी कर दिए।

बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रभावित व्यक्तियों को त्वरित आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने वन विभाग को निर्देश दिया कि मानव-वन्यजीव संघर्ष में यदि किसी परिवार के कमाने वाले सदस्य की मृत्यु होती है तो उस परिवार को आर्थिक संकट से बचाने के लिए दो सप्ताह के भीतर आजीविका सहायता नीति तैयार कर प्रस्तुत की जाए।
धामी ने उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने को कहा जहां जंगली जानवरों का आतंक अधिक है। उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसे संवेदनशील इलाकों में स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए वन विभाग और जिला प्रशासन की ओर से एस्कॉर्ट व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके अतिरिक्त सभी जरूरतमंद जिलों में आवश्यक उपकरण शीघ्र खरीदकर उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए गए।
उन्होंने कहा कि आबादी वाले क्षेत्रों के आसपास की जंगली झाड़ियों को अभियान चलाकर साफ किया जाए जिससे जंगली जानवरों की आबादी की ओर आवाजाही कम हो सके। साथ ही महिलाओं और बच्चों को विशेष रूप से सतर्कता व सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए व्यापक प्रचार प्रसार चलाया जाए।
संवेदनशील स्थानों में लगातार निगरानी के लिए कैमरा नेटवर्क को मजबूत बनाने, नई तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने और वन कर्मियों को स्थानीय ग्रामीणों के साथ निरंतर संवाद में रहने के निर्देश भी बैठक में दिए गए। बैठक में वन मंत्री सुबोध उनियाल, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, विनय शंकर पांडे, सी रविशंकर, प्रमुख वन संरक्षक रंजन मिश्रा और अपर सचिव हिमांशु खुराना उपस्थित रहे।






