अयोध्या/लखनऊ, 15 दिसंबर 2025:
राम मंदिर आंदोलन के अग्रणी संत, पूर्व सांसद और अयोध्या स्थित वशिष्ठ आश्रम के महंत डॉ. रामविलास दास वेदांती का निधन हो गया। 77 वर्षीय डॉ. वेदांती मध्य प्रदेश के रीवा में आयोजित एक रामकथा महोत्सव के दौरान अचानक अस्वस्थ हो गए थे। तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन पर सीएम योगी गहरा शोक व्यक्त किया है।
डॉ. वेदांती 10 दिसंबर को दिल्ली से रीवा पहुंचे थे जहां उनकी रामकथा चल रही थी। बीते दो दिनों से उनका इलाज वहीं जारी था। सोमवार सुबह उन्हें बेहतर इलाज के लिए दिल्ली ले जाने की तैयारी की गई और विमान भी पहुंचा लेकिन घने कोहरे के कारण विमान लैंड नहीं कर सका। इसी दौरान उनकी हालत और बिगड़ गई और अस्पताल में उनका निधन हो गया।
राम मंदिर आंदोलन में डॉ. वेदांती की भूमिका ऐतिहासिक रही है। 1990 के दशक में वे सीएम योगी आदित्यनाथ के गुरु महंत अवैद्यनाथ और रामचंद्र दास परमहंस के साथ आंदोलन के प्रमुख चेहरों में शामिल रहे। वे 1996 और 1998 में दो बार सांसद चुने गए और संसद में भी राम मंदिर आंदोलन की आवाज बने।
डॉ. वेदांती का पार्थिव शरीर देर शाम तक अयोध्या लाया जाएगा। उनके शिष्य और उत्तराधिकारी डॉ. राघवेश दास के अनुसार मंगलवार सुबह 10 बजे अयोध्या में उनकी अंतिम यात्रा निकाली जाएगी। इस अंतिम यात्रा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने डॉ. वेदांती के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख स्तंभ, पूर्व सांसद एवं वशिष्ठ आश्रम के पूज्य संत डॉ. रामविलास वेदांती जी महाराज का गोलोकगमन आध्यात्मिक जगत और सनातन संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति है। उनका जाना एक युग का अवसान है।
डॉ. रामविलास दास वेदांती का जीवन धर्म, समाज और राष्ट्र सेवा को समर्पित रहा। राम मंदिर आंदोलन से लेकर सामाजिक और आध्यात्मिक क्षेत्र तक उनका योगदान हमेशा स्मरणीय रहेगा।






