लखनऊ, 18 दिसंबर 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ में नगर निगम की ओर से व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और अन्य व्यापारिक ट्रेडों को लाइसेंस शुल्क के दायरे में लाने के प्रस्ताव के खिलाफ व्यापारियों का विरोध खुलकर सामने आ गया है। राजाजीपुरम में आयोजित लखनऊ व्यापार मंडल की अहम बैठक में इस प्रस्ताव को जनविरोधी और तुगलकी फरमान करार देते हुए तीखा विरोध दर्ज कराया गया।
बैठक में व्यापारियों ने कहा कि नगर निगम लखनऊ द्वारा मनमाने तरीके से लाइसेंस शुल्क बढ़ाने और नए-नए व्यापारिक ट्रेडों को शुल्क के दायरे में लाने की कोशिश की जा रही है। यह वही प्रस्ताव है जिसे पिछले वर्ष व्यापारियों के व्यापक विरोध के बाद लखनऊ के सांसद एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के हस्तक्षेप से वापस लेना पड़ा था। इसके बावजूद नगर निगम द्वारा दोबारा उसी एजेंडे को सामने लाना व्यापारियों के प्रति असंवेदनशीलता और प्रशासनिक हठधर्मिता को दर्शाता है।

लखनऊ व्यापार मंडल के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्र ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि यदि नगर निगम ने यह प्रस्ताव तत्काल प्रभाव से वापस नहीं लिया तो पूरे लखनऊ में दुकानें बंद की जाएंगी। व्यापारी सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि शहर के बाजार पहले से ही बदहाल स्थिति में हैं। न सीवर की समुचित व्यवस्था है, न स्वच्छ पेयजल, न साफ-सफाई और न ही पार्किंग की कोई ठोस योजना। ऐसे में बिना बुनियादी सुविधाएं दिए व्यापारियों से लाइसेंस शुल्क वसूलना इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा देना है। इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।
वरिष्ठ महामंत्री पवन मनोचा ने वर्षों से लंबित ई-कॉमर्स नीति का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ऑनलाइन कंपनियों के बढ़ते दबाव के बीच स्थानीय व्यापारियों को संरक्षण देने के लिए आज तक कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई। वहीं, नगर निगम वेंडिंग जोन तक विकसित नहीं कर पा रहा है, लेकिन शुल्क वसूली में सबसे आगे है।
महामंत्री उमेश शर्मा ने कहा कि नगर निगम के तुगलकी आदेश व्यापारी समाज के सब्र की अंतिम सीमा को तोड़ रहे हैं। यदि यह अन्याय बंद नहीं हुआ तो व्यापारी शटर गिराकर सड़कों पर बैठेंगे और गिरफ्तारी देंगे। पश्चिम विधानसभा महामंत्री सुशील तिवारी ने भी सरकार और नगर निगम की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि महंगाई, ऑनलाइन कंपनियों की प्रतिस्पर्धा और प्रशासनिक उत्पीड़न से व्यापारी पहले ही परेशान हैं। अब और चुप नहीं बैठेंगे।
बैठक के अंत में व्यापार मंडल के पूरे सदन ने एक स्वर में ऐलान किया कि यह केवल चेतावनी नहीं बल्कि अंतिम निर्णय है। यदि नगर निगम ने शीघ्र ही अपना फैसला वापस नहीं लिया तो व्यापक आंदोलन, नगर निगम का घेराव और अनिश्चितकालीन दुकान बंदी की जाएगी। बैठक में अनुराग मिश्र, रामशंकर राजपूत, सौरभ शर्मा, अरुण निगोतिया, बबलू गुप्ता,गोपाल गुप्ता, राधे राधे, पिंटू गुप्ता, लल्लन यादव, राजकुमार, गंगा प्रसाद, गुलशन सचदेवा, अनूप द्विवेदी, दीपक सहगल, दीपू यादव, अमित मिश्रा, सुधीर अवस्थी, राजेश कश्यप, राजेश गुप्ता, ओमी प्रजापति सहित अन्य व्यापारी मौजूद रहे।






