लखनऊ, 19 दिसंबर 2025:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 25 कंपनियों के 45 वरिष्ठ प्रोफेशनल्स ने मुलाकात की है। उनके साथ हुई बैठक में कंपनी प्रतिनिधियों द्वारा ग्रीन एनर्जी, मैन्युफैक्चरिंग, बायो रिफाइनरी, फार्मा, फूड प्रोसेसिंग और सर्विस सेक्टर से जुड़े करीब 6500 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव रखे गए।
डब्ल्यूएमजी ग्रुप के जरिए आए इस प्रतिनिधिमंडल में देश और विदेश की कंपनियों के सीईओ, सीएफओ और शीर्ष अधिकारी शामिल थे। निवेशकों ने उत्तर प्रदेश में मौजूदा कानून व्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर और सरकार की नीतियों को निवेश के लिए अनुकूल बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले की छवि को भूलकर नए उत्तर प्रदेश को देखने और समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में निवेश पूरी तरह सुरक्षित है और विकास की स्पष्ट गारंटी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूंजी तभी सुरक्षित रहती है जब समाज और राज्य सुरक्षित हों, और इस दिशा में बीते वर्षों में ठोस बदलाव हुए हैं।

उन्होंने बताया कि पहले प्रदेश में दंगे, कर्फ्यू और अपराध आम थे, लेकिन अब हालात बदले हैं। कानून व्यवस्था में सुधार के चलते उत्तर प्रदेश आज सुरक्षित निवेश गंतव्य के रूप में पहचाना जा रहा है।
इंफ्रास्ट्रक्चर पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक्सप्रेसवे, एयरपोर्ट, रेल नेटवर्क और औद्योगिक कॉरिडोर ने प्रदेश की तस्वीर बदली है। उन्होंने बताया कि इन्वेस्टर समिट के जरिए प्रदेश को नई पहचान मिली है। जहां 2018 में पहली समिट में 4.67 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए थे, वहीं 2023 की ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में यह आंकड़ा 40 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई, ओडीओपी और डिफेंस कॉरिडोर के जरिए औद्योगिक विकास को नई गति मिली है। लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण और बुंदेलखंड में औद्योगिक विकास की योजनाएं इसका उदाहरण हैं।
बैठक में शामिल निवेशकों ने भी उत्तर प्रदेश के साथ काम करने की इच्छा जताई। निवेशक अरुण दुबे ने कहा कि वर्षों बाद लौटने पर प्रदेश में बड़ा बदलाव दिख रहा है और वे यहां बायो रिफाइनरी इकाई लगाने की योजना बना रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने निवेशकों से प्रदेश का दौरा करने और निवेश की संभावनाओं को मौके पर देखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य के लिए विकसित उत्तर प्रदेश जरूरी है और सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही है।






